बिहार : भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने राहुल गांधी पर कड़ा प्रहार करते हुए उनकी प्रस्तावित रैली को ‘हताशा रैली’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आदतन झूठे हैं और केवल जुबानी जमाखर्च कर रहे हैं, उनके पास कोई योजना और दृष्टि नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बिहार में कांग्रेस का प्रत्यक्ष शासन 1990 तक मोटामोटी मान लें, तो उसके बाद भी वह राजद के साथ साझीदारी में जूनियर पार्टनर के तौर पर शामिल रही है। कांग्रस अध्यक्ष को यह बताना चाहिए कि लगभग 55 वर्षों के उनके कुशासन में बिहार हरेक तरह से विकास के अंतिम पायदान पर कैसे पहुंच गया?’
नित्यानंद राय ने सवालिया लहजे में पूछा, ‘एक समय ऐसा भी था, जब बिहार और बिहारी व्यंग्य और हास्य का पर्याय बन गए थे। नीतीश जी के नेतृत्ववाली राजग सरकार ने बड़ी मेहनत से इस परिदृश्य को बदला है। जब दशकों बाद राहुल गांधी बिहार में आ रहे हैं, तो बिहारी जनता को जरा इसका भी जवाब दें कि कांग्रेस का शासन बिहार में अधिकांश समय रहा, फिर शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के अन्य मानकों पर बिहार इतना पिछड़ा कैसे रह गया? ’
बिहार भाजपा अध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा, ‘ 28 वर्षों बाद बिहार की आयी याद, जबकि हम वर्षों करते रहे फरियाद। कांग्रेस अध्यक्ष आदतन झूठे हैं, इसलिए जनता को फिर से बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, पर उन्हें होमवर्क ठीक से कर लेना चाहिए था। राहुलजी की दादी से लेकर खुद राहुलजी तक पुरातन काल से ‘गरीबी हटाओ’ का नारा देते आए हैं। इस हिसाब से तो आज कोई गरीब होना ही नही चाहिये था। बिहार से कांग्रेस के शासनकाल में गरीबी तो नहीं मिटी, पर पलायन और विस्थापन जरूर भरपूर हुआ।‘
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राहुलजी ‘अनर्थशास्त्री’ हैं। वे सवाल उठा रहे हैं कि बजट में किसानों को इतना कम मिला, वही बता दें कि 70 वर्षों में इससे ज्यादा किसानों को कब मिला? बजट के संदर्भ में नित्यानंद राय ने कहा, ‘यह सबको मनचाहा देने वाला और सर्वसमावेशी बजट है। इसमें बिहार के लिए भी बहुत कुछ है। बिहार के दो करोड़ मजदूरों को पेंशन, बिहार के डेढ़ करोड़ किसानों को अतिरिक्त आमदनी होगी, तो मध्यवर्गीय जनता को आयकर से छूट मिलेगी।’
बिहार भाजपा के अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने वर्षों तक लोगों को बरगलाया है, लेकिन अब ये चलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी को पता है कि इस सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ सही मायनों में किया है, इसलिए वे बौखलाहट में कुछ भी बोल रहे हैं।