राजद की सोच ही समाज को बांटने की है – चिराग पासवान

राजद की सोच ही समाज को बांटने की है – चिराग पासवान
Published on

लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार से सांसद चिराग पासवान ने कहा कि राजनेता लालू यादव, एक विवादास्पद कविता के बारे में नहीं बोल रहे हैं, इसका मतलब है कि वह गुप्त रूप से इसका समर्थन करते हैं। एक विशेष समुदाय के सम्मेलन में चिराग पासवान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

उस दल की सोच ही यही है

कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में चिराग पासवान ने राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा राज्य सभा में पढ़ गई ठाकुर का कुआं नामक विवादित कविता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह राजनीतिक दल की सोच ही बांटने की है। पासवान ने कहा '' यह समाज में बटवारा करके ही अपने सामाजिक हितों को साधने का काम करते हैं और आज खुले मंच से इन लोगों ने जिस तरह से एक जातिविशेष व एक संप्रदाय से आने वाले लोगों को एक अशोभनीय टिप्पणी करने काम किया और यह पहली बार नहीं है। वह जिस दल से आते हैं उस दल की सोच ही यही है।

हम लोगों को संसद में देखने को मिला

उन्होंने कभी सनातन तो कभी रामचरित मानस के नाम पर ऐसे विवादास्पद बयान देने का काम किया जिसमें समाज में एक असंतोष की भावना व लोगों भावनाएं आहत हों क्योंकि इनकी राजनीति को ये सूट करता है। डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी अपनाकर कभी अगड़ – पिछड़ कभी हिन्दू, कभी जाति – धर्म तो कभी महिला – पुरूष के नाम पर इस तरीके का भेदभाव करने के लिए ऐसे राजनीतिज्ञ जाने गए हैं जिसका एक उदाहरण उस दिन हम लोगों को संसद में देखने को मिला है।''

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com