भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता उषा विद्यार्थी ने राजद नेता व पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी के महिलाओं को लेकर दिए गए अपमानजनक बयान को घोर आपत्तिजनक बताते हुए उसकी तीखी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि राजद का संस्कार और व्यवहार अराजक व महिला विरोधी है। राजद के शीर्ष नेतृत्व को अविलम्ब अपने वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के महिला विरोधी बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा है कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ संकल्प शक्ति की वजह से नारी शक्ति वंदन बिल के संसद के दोनों सदनों से पारित होने व राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद कानून का रूप अख्तियार करने से राजद जैसी परिवारवादी पार्टी के लोग बौखला गए हैं। एक परिवार की चरण वंदना कर अपनी राजनीति चमकाने वाले लोग क्या आज भी महिलाओं को अपनी पैर की जूती समझते हैं?
श्रीमती विद्यार्थी ने कहा है कि क्या अब महिलाओं को लिपिस्टिक लगाने व बॉब कट बाल रखने के लिए राजद से परमिशन लेनी होगी? क्या राजद आज भी महिलाओं को अपना गुलाम और दासी समझता है? राजद नेता के बयान से स्पष्ट है कि उसे महिलाओं का वोट तो चाहिए मगर उसे किसी तरह की आज़ादी नहीं मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि परिवारवादी-वंशवादी राजनीति करने वाला राजद के शासन का वह दौर आज भी लोग नहीं भूले हैं जब महिलाएं घरों से निकलने के पहले हजार बार सोचती थी। मनचलों व गुंडों का ऐसा आतंक था कि लोग अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते थे।
लालू प्रसाद की जेल यात्रा की मजबूरी में ही सही, राजद की श्रीमती राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री रही हैं, वे बताएं कि महिलाओं को लिपिस्टिक लगाने व बॉब कट बाल रखने का हक़ है या नहीं? महिलाओं को लेकर ऐसी घटिया सोच व अपमानजनक बयान के लिए क्या राजद नेतृत्व अपने नेता के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए बिहार व देश की सभी महिलाओं से माफी मांगेगा?