बिहार में बहुत जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में BJP और JDU ने कमर कस ली है और इनके खिलाफ बना महागठबंधन अभी तक एकजुट नहीं हो पाया है। RJD के नेतृत्व में बने इस महागठबंधन में सीटों के बटवारे को लेकर माहौल तनावग्रस्त बना हुआ है। महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे और सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) की नाराजगी बढ़ गई है। इस संबंध में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आज यानि गुरुवार को पार्टी की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की संयुक्त आपात बैठक बुलाई है।
इसमें महागठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान हो सकता है। पार्टी के प्रधान महासचिव माधवानंद ने एक बयान में कहा था कि सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की नीयत ठीक नहीं है। चुनाव की तिथि की घोषणा किसी भी समय हो सकती है लेकिन अभी तक महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि रालोसपा महागठबंधन से अलग होती है तो इसकी जिम्मेवारी कांग्रेस और राजद की होगी।
वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा रालोसपा के कार्यकारी उपाध्यक्ष कामरान को राजद में शामिल कराए जाने से नाराज हैं। उनका कहना है कि राजद ने अपने सहयोगी दल को तोड़कर गठबंधन धर्म की मयार्दा का उल्लंघन किया है। पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए 35 सीटों की मांग की थी और इसके लिए कुशवाहा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से दो बार और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से भी उनके कायार्लय में मुलाकात की थी। बताया जाता है कि राजद रालोसपा को 10-12 सीट से अधिक देने को तैयार नहीं है।
इसके साथ ही धीरज कुशवाहा का कहना है कि तेजस्वी यादव राजद के मुख्यमंत्री पद का चेहरा है महागठबंधन के नहीं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में इस पद के लिए सबसे योग्य चेहरा उपेंद्र कुशवाहा हैं। उनका नाम बिहार के बड़े नेताओं में लिया जाता है। उन्हें राजनीति का लंबा अनुभव भी है और उन्होंने बिहार के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री के पद का भी त्याग किया है। महागठबंधन के एक अन्य घटक विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने भी कुशवाहा को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का समर्थन किया है। वीआईपी के प्रवक्ता राजीव मिश्रा ने कहा कि महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए कुशवाहा सबसे योग्य हैं।