पटना : जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने मर्यादा की लक्ष्मण रेखा को पार करने का काम किया है जो बेहद शर्मनाक और अशोभनीय है। जिस तरह से उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के खिलाफ व्यक्तिगत आरोप लगाया है, उसकी सार्वजनिक जीवन में राजनेताओं से अपेक्षा नहीं हो सकती।
प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री के द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश करने को शिवसेना द्वारा बिहार में हो रहे चुनाव से जोड़कर इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक रंग देने की कोशिश को उनकी हताशा और बौखलाहट बताया है। मुंबई पुलिस की नाकामी को छुपाने में और अपराधियों को बचाने में जिस तरह से उनकी संलिप्तता दिख रही है उससे विवश होकर सुशांत सिंह राजपूत के परिजनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से इस पूरे प्रकरण में सीबीआई जांच की सिफारिश करने का आग्रह किया जिसे मुख्यमंत्री जी ने स्वीकार कर लिया।
प्रसाद ने कहा कि बिहार पुलिस ने मुंबई पुलिस से सहयोग कि उम्मीद के साथ उनसे मिलकर इस पूरे प्रकरण की सच्चाई देश के सामने लाने का पूरा प्रयास किया परंतु मुंबई पुलिस बिहार पुलिस की जांच में कोई सहयोग नहीं किया तथा बिहार पुलिस की जांच में अड़ंगा भी डाला। सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण में मुंबई पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। दिशा सलियान, जिया खान, गुलशन कुमार सहित कई प्रकरण में मुंबई पुलिस कभी कोई उचित कार्यवाई नहीं कर पाई। प्रसाद ने कहा कि संजय रावत द्वारा यह कहना कि ने कि बिहार पुलिस मुंबई जाकर जांच नहीं कर सकती तो उन्हें संघीय ढांचे का ज्ञान जरूर होना चाहिए।