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राज्य में नियोजित एवं माध्यमिक शिक्षकों की सेवाशर्त लागू की जाएगी- कृष्णनंदन वर्मा

राज्य के माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों को विभागीय संकल्प द्वारा 1 जनवरी, 2016 को देय मूल वेतन में 2.57 के गुणक के आधार पर निर्धारित पे-मैट्रिक्स के अनुरूप 1 जनवरी, 2016 से वैचारिक रूप से निर्धारित करते हुए, 1 अप्रैल, 2017 से वित्तीय लाभ दिया गया

पटना: नियोजित एवं माध्यमिक शिक्षकों को लेकर राजद विधायक डॉ.नवल किशोर यादव ने सदन में शिक्षा मंत्री से सवाल किए। यादव के सवालों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि नियोजित शिक्षक एवं जिला संवर्ग के प्रारंभिक शिक्षक एवं प्रमंडलीय संवर्ग के माध्यमिक शिक्षक सेवाशर्त अलग अलग है। जिला संवर्ग के प्रारंभिक शिक्षक एवं प्रमंडलीय संवर्ग के माध्यकि शिक्षक को उनके सेवाशर्त के प्रावधान के आलोक में अन्य राज्य कर्मियों के भांति उन्हें सातवें वेतन पुनरीक्षण का लाभ दिया जा रहा है।
वर्मा ने कहा कि राज्य के माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों को विभागीय संकल्प द्वारा 1 जनवरी, 2016 को देय मूल वेतन में 2.57 के गुणक के आधार पर निर्धारित पे-मैट्रिक्स के अनुरूप 1 जनवरी, 2016 से वैचारिक रूप से निर्धारित करते हुए, 1 अप्रैल, 2017 से वित्तीय लाभ दिया गया।
इस क्रम में वित्त विभाग के संकल्प के तहत राज्य कर्मियों के लिए स्वीकृत मंहगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता एवं मकान किराया भत्ता के संशोधित दर को नियोजित शिक्षकों के लिए भी प्रभावी किया गया। साथ ही वर्मा ने बताया कि नियोजित शिक्षकों के वेतनमान एवं सेवाशर्त पर सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा न्यायादेश पारित करते हुए, यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के द्वारा नियोजित शिक्षकों के अधिकार का हनन नहीं किया गया है।
वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 26 फरवरी, 2020 को इसी सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखने के क्रम में यह घोषणा की गई कि राज्य सरकार अपने संसाधन को ध्यान में रखक नियोजितशिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्षों के वेतनमान एवं सेवाशर्त में सुधार पहले भी किया गया है और आगे भी किया जाएगा।
साथ ही मंत्री वर्मा ने बताया की विभाग सभी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अधिष्ठापित उपस्कर, प्रयोगशाला, पुस्तक, क्रीड़ा सामग्री एवं कम्प्यूटर आदि समेत बिहार उन्नयन योजना के अंतर्गत स्मार्ट क्लास हेतु उपलब्ध कराए गए टेलिविजन, कम्प्यूटर आदि उपकरणों की सुरक्षा हेतु रात्रि प्रहरी की व्यवस्था के लिए आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत है। 
वर्मा ने बताया कि जिस विद्यालय में मात्र एक पुरूष आदेशपाल पदस्थापित है, तो वहां संबंधित विद्यालय के विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा स्थानीय लोगों में से एक रात्रि प्रहरी को अस्थायी रूप से 5000 रुपये के मासिक मानदेय पर अनुबंध पर रखा जा सकता है। 
उक्त मानदेय का भुगतान विद्यालय विकास कोष की राशि से किया जाएगा। 2,742 माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विकास कोष में उपलब्ध राशि से रात्रि प्रहरी रखने में कठिनाई को देखते हुए, उक्त विद्यालयों के लिए छह माह के लिए एक रात्रि प्रहरी 5000 प्रति विद्यालय की दर से कुल 822.60 लाख रुपए की राशि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा जिलों को उपलब्ध कराई गई है।

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