बिहार की राजनीति में नया इतिहास रचते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। वहीं इस बार भाजपा से कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला जिसमें सुशील कुमार मोदी का नाम शामिल है। इस बीच मंगलवार को विपक्ष ने सुशील कुमार मोदी पर जमकर निशाना साधा है।
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि “सुशील मोदी भाजपा के कम और नीतीश कुमार के सहयोगी के रूप में उनकी भूमिका ज़्यादा हो गई थी। मुझे लगता है कि इसी वजह से बीजेपी ने उनका पत्ता काट दिया और वह अन्य BJP नेता को उभरने का मौका भी नहीं देते थे। वह रोजाना सभी विषयों पर बोलते थे और अखबार और टीवी के सामने आने का मौका नहीं छोड़ते थे।”
आरजेडी नेता ने आगे कहा कि “मेरी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है, वह मेरे छोटे भाई की तरह हैं। लेकिन उनका व्यक्तित्व गहराई की कमी को दर्शाता था। मुझे लगता है कि यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें इस बार राज्य मंत्रिमंडल में पद नहीं दिया।”
गौरतलब है कि पिछले तीन दशक से अधिक समय से बिहार भाजपा का बड़ा चेहरा रहे सुशील कुमार मोदी पहली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की राज्य सरकार में स्थान नहीं बना पाए। वह पिछली कई सरकारों में उपमुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालते रहे।
वहीं इससे पहले सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन के बीच उसके सहयोगी दल राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन के लिये कांग्रेस बाधा बनी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव तो 70 सीटों पर लड़ा, लेकिन 70 रैलियां भी नहीं कीं और चुनाव के वक्त राहुल गांधी पिकनिक मना रहे थे। तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी केवल तीन दिन के लिए बिहार आए और प्रियंका गांधी तो आई ही नहीं।