बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक की नौ साल बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में वापसी हो गई है। रजक को तेजस्वी यादव ने पटना में राबड़ी आवास पर मंगलवार को राजद की सदस्यता दिलाई। राजद के सदस्यता ग्रहण करने के बाद रजक ने कहा कि उन्होंने सामाजिक न्याय की लड़ाई कभी नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि आज बडे बयान दिए जाते हैं, लेकिन बिहार में कहीं कुछ नहीं हुआ है।
उन्होंने अपने घर में फिर से वापसी पर खुशी जताते हुए कहा कि बिहार में आज दलितों के साथ धोखा हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनके लिए पद कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा, “जदयू के पहले मै राजद में भी मंत्री रहा था। मेरे लिए कभी भी पद मायने नहीं रखता।” उन्होंने जदयू से निष्कासन को गलत बताते हुए कहा कि जो पार्टी खुद के संविधान को सुरक्षित नहीं रख सकती उससे क्या अपेक्षा की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि जदयू में अभी भी कई लोग परेशान हैं। उन्होंने कुछ और मंत्रियों के राजद में आने की संभावना जताते हुए कहा, “आगे-आगे देखिए होता है क्या?” इधर, रजक के राजद में आने पर तेजस्वी ने कहा कि वे अपने पुराने घर में लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकार चल रही है, उसमें जनप्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा नहीं रह गई है। अफसरशाही हावी है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को रजक को जदयू से निष्कासित कर दिया गया था। इसके अलावे मंत्री परिषद से भी हटा दिया गया था। राजद सरकार में मंत्री रहे रजक 2009 में राजद छोड़कर जद (यू) में शामिल हुए थे। लालू प्रसाद के करीबी नेताओं में माने जाने वाले रजक 2010 में जद (यू) की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर फि र से मंत्री बने। बिहार में चुनाव के ठीक पहले राज्य में दलित चेहरा माने जाने वाले रजक का जद (यू) छोडना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा सकता है।