पटना : भाकपा-माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री का जल-जीवन-हरियाली केवल जुमला ही नहीं छल-कपट का नारा है। मानव श्रृंखला को बिहार की जनता नकार दिया। पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से वार्तालाप कर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुद्दे पर कुछ नहीं बोलते हैं और अपनी राजनीति ईमेज बनाने के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। जिनके बल पर मुख्यमंत्री इस प्रकार का कार्य करवाते हैं लेकिन उनकी बात नहीं सुनते। एनआरसी, एनपीआर के सवाल पर पूरा देश आन्दोलन के जरिये बोल रहा है। वहीं केन्द्र और राज्य की सरकार चुप है।
उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को भाकपा माले का मानव दिवाल लगाया जायेगा, जिसे सरकार तोड़ नहीं सकती है। यह मानव दिवाल बिहार की जनसमस्या के मुद्दे पर होगा। 30 जनवरी को सत्याग्रह किया जायेगा, जिसमें वामदलों का सहयोग मिलेगा। विधानसभा सत्र के दौरान 24 फरवरी को एनआरसी एवं एनपीआर के खिलाफ पार्टी द्वारा विधानसभा मार्च किया जायेगा। महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री एनआरसी एवं एनपीआर के सवाल पर लगातार झूठ बोल रहे हैं। यह कानून सुरक्षा कवच नहीं है। इससे गरीबों का खतरा है। नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा, जहां आम जनता संविधान के साथ है। वहीं सरकार संविधान के खिलाफ है। यंग इंडिया एनआरसी के विरोध में है। गरीबों के साजिश के तहत यह कानून लागू कर बेदखल करना है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इनके पहले भी शराबबंदी के सवाल पर मानव श्रृंखला लगवायी थी इसके बावजूद राज्य में अपराध चरम पर है। जल जीवन हरियाली योजना गरीब कमजोर एवं आमलोगों से छल कपट व बेदखली अभियान है। सरकार की नीतियां उल्टा है। सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर मानव श्रृंखला का दिखावा किया गया।संवाददाता सम्मेलन में भाकपा-माले के पोलित सदस्य धीरेन्द्र झा, वरिष्ठ नेता केडी यादव, राज्य सचिव कुणाल, ऐपवा महासचिव मीना तिवारी उपस्थित थे।