सगुना मोड़ के समीप डीएस बिजनेस पार्क के द्वितीय एवं तृतीय तल पर स्थित स्टेट ऑफ द आर्ट सुपर स्पेशियलिटी आई हाॅस्पिटल दृष्टिकुंज नेत्रालय में आज रेटिना विषेषज्ञ डाॅ कुमार निषांत ने बताया कि अत्याधुनिक मषीन से समय पर प्री मैच्योर बच्चे का इलाज कर उन्हें आजीवन जन्मांधता से बचाया जा सकता है। साथ ही , डायबिटीज के मरीजों के लिए भी समय समय पर नेत्र चिकित्सक से संपर्क करना आवश्यक है, ताकि उन्हें डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाया जा सके।
डाॅ निषांत ने कहा कि दृष्टिकुंज नेत्रालय में डायबिटीज रेटिनोपैथी के ट्रीटमेंट के लिए ग्रीन लेजर मषीन उपलब्ध है। इससे परदे में छेद और आरओपी का इलाज संभव है। ओसीटी मषीन से पर्दे का डिटेल स्कैनिंग संभव है। बी स्कैन अल्ट्रासाउंड मषीन आंख के अंदर हुये इंफेक्षन या ब्लीडिंग का जांच करने में सक्षम हैै। साथ ही रेटिनल डिटैचमेंट, मैकुलर होल और रेटिनोपैथी ऑफ मैच्युरिटी के लिए विट्रियोक्टाॅमी, क्रायोथेरेपी मषीन से ऑपरेशन के जरिये परदे को सेट किया जाता है। परदे में सूजन हो जाने पर अलग अलग तरह का इंजेक्षन भी यहां उपलब्ध है।
इस अवसर पर दृष्टिकुंज नेत्रालय की निदेषक डाॅ निम्मी रानी ने बताया कि बहुत कम समय में इस हाॅस्पिटल ने प्रदेष के मरीजों को किफायती इलाज और सेवा के बूते जो विष्वास जीता है, मानवता की सेवा में यह प्रयास अनवरत जारी रहेगा। ग्लूकोमा विषेषज्ञ निदेशक डॉ रणधीर झा ने बताया कि यहां कुषल सर्जन और अत्याधुनिक मषीन से मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है। पहले बहुत से मरीज चिकित्सा के लिए बैंगलोर, चैन्नई और दिल्ली मजबूरी में जाते थे, पर अब दृष्टिकुंज नेत्रालय में ही लगभग सारी सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध हो जाने से मरीजों व उनके परिजनों को परेषानी कम होती है, साथ ही समय और पैसे की भी बचत होती है।