बिहार में फैल रही कोरोना की दूसरी लहर के कारण कोविड-19 केस में इजाफा देखते हुए बिहार सरकार ने तमाम निजी और सरकारी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के आदेश के खिलाफ सासाराम में स्टूडेंट्स सड़क पर उतरे। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जारी सुरक्षा गाइडलाइन के खिलाफ शहर के कोचिंग संस्थान के स्टूडेंट्स ने सड़क पर मचाया उपद्रव साथ ही सड़कों पर तोड़फोड़ की।
इस दौरान छात्रों ने गौरक्षणी मुहल्ले में कई वाहनों के शीशे तोड़ डाले। इसके बाद सभी छात्रों ने जिला समाहरणालय और कोर्ट के बाहर पहुंचकर वहां भी उपद्रव किया। उपद्रवियों को रोकने के लिए बिहार पुलिस ने हवाई फायरिंग की। पुलिस ने उपद्रवी छात्रों को पीछे धकेलने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। घटनास्थल पर डीएम और एसपी पहुंचकर तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। घटना से शहर में अफरा-तफरी और तनावपूर्ण माहौल है। घटना को देखते हुए शहर की सभी दुकानें बंद कर दी गई है।
बता दें कि इससे पहले शैक्षणिक संस्थानों को बंद किये जाने से कोचिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार ने रविवार को आक्रोश जाहिर किया था। सरकार के फैसले से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा गया है कि शिक्षण संस्थान नियमों का पालन करते हुए सब कुछ कर रहे हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार हमेशा शैक्षणिक संस्थानों को टारगेट करती है। इससे बिहार की शिक्षा समाप्त हो जाएगी। कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत (बिहार) के तत्वावधान में रविवार को बैठक हुई।
इस बैठक में पटना, दानापुर से लेकर फतुहा से आए सैकड़ो शिक्षकों ने एक स्वर में सरकारी फरमान के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए यह संकल्प लिया है कि छात्रों के हितों की रक्षा के लिए कोचिंग संस्थान खुले रखेंगे। एसोसिएशन के सचिव सुधीर सिंह समेत सभी शिक्षकों ने सरकार से गुहार लगाई कि समाज के सबसे सुलझे शिक्षक समुदाय के ऊपर अनर्गल और थोपे गए आदेश को शीघ्र निरस्त करें।