लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

कृषि कानूनों पर तारिक अनवर का बयान- संगठनों की कमी के कारण पिछड़ रहे हैं बिहार के किसान

कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने कहा कि बिहार में सक्षम किसान संगठनों की कमी के कारण इस राज्य के किसान पंजाब और हरियाणा के किसानों की तरह कृषि कानून का विरोध नहीं कर पा रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने सोमवार को कहा कि बिहार में सक्षम किसान संगठनों की कमी के कारण इस राज्य के किसान पंजाब और हरियाणा के किसानों की तरह कृषि कानून का विरोध नहीं कर पा रहे हैं। तारिक अनवर ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में सत्तारूढ़ गठबंधन के इस दावे की आलोचना करते हुए कहा कि नीतीश कुमार सरकार के एपीएमसी को समाप्त कर दिए जाने का प्रयोग सफल रहा है। उन्होंने कहा,‘‘ऐसा नहीं है कि बिहार के किसान पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक की तुलना में बेहतर हैं। उन राज्यों के विपरीत, हमारे पास ऐसे संगठन नहीं हैं जो प्रभावी रूप से अपनी हक के लिए लड़ सकें।’’ 
उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के किसानों की 3 विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग से इंकार कर दिए जाने को ‘‘बाल हठ’’ की संज्ञा देते हुए कहा कि केंद्र से अपना ‘‘अहंकार‘‘ त्यागने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आज देश में सबसे बड़ी समस्या किसान के आंदोलतरत रहने की है, किसान को और अधिक सुविधा एवं अधिकार देने के बजाए अब उनके जायज हक भी छीने जा रहे हैं। तारिक अनवर ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि किसान आंदोलन पंजाब तक ही सीमित है, लेकिन वास्तविकता यह है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों के किसान भी इसमें बड़ी संख्या में शामिल हैं। 
उन्होंने कहा कि अब विदेशों से भी किसान आंदोलन के समर्थन में आवाजें आ रही हैं और यह अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृषि कानून को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिये तथा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिये एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी प्रावधान दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह आदेश आलोकतांत्रिक कदम है कि जो युवा किसी आन्दोलन में शामिल होंगे उन्हें सरकारी नौकरी से वंचित होना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

14 − 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।