बिहार के रहने वाले सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने की बिहार सरकार द्वारा अनुशंसा कए जाने का राज्य के लगभग सभी राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सीबीआई जांच की अनुशंसा पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह जांच अदालत की निगरानी में होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजद ने सबसे पहले सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने एक बार फिर राजगीर में बन रही फिल्म सिटी का नाम सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर करने की मांग दोहराई।भाजपा के प्रवक्ता डॉ़ निखिल आनंद ने बिहार सरकार द्वारा सुशांत मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने का स्वागत करते हुए बिहार सरकार को इस निर्णय के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि सीबीआई इस मामले की जल्द जांच करे, तभी रहस्य से परदा उठ सकेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के इस फैसले से बिहार के बेटे सुशांत, उनके परिवार, शुभचिंतकों व बिहार की न्याय की उम्मीद बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार व मुंबई पुलिस शुरू से ही इस मामले में सबूत मिटाने व साक्ष्यों से छेड़छाड़ में लगी थी। इधर, जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि राजपूत की मौत और उसके पीछे की साजिश की जांच सीबीआई को सौंपकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनभावना का ख्याल रखा है। उन्होंने कहा कि सीबीआई सुशांत सिंह की मौत के मामले में गुनहगारों को अब बेनकाब करेगी।
उन्होंने कहा, “बिहार पुलिस ने शुरुआती जांच में जिन तथ्यों को पाया, उसे सीबीआई जल्द अंजाम तक पहुंचाए, इसकी उम्मीद है। मुंबई पुलिस ने अगर बिहार पुलिस को सहयोग दिया होता तो सुशांत की मौत से जुड़ा सच सामने आ गया होता, लेकिन अब सीबीआई सच सामने लाएगी।”
बिहार सरकार ने मंगलवार को राजपूत की कथित आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी। इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय को निर्देश दिया कि वह सुशांत मामले में सीबीआई जांच से जुड़ी कार्रवाई जल्द शुरू करें, जिससे मामले की जांच सीबीआई के हवाले किया जा सके। इसी बीच सुशांत के पिता के.के. सिंह ने भी डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से बात की।