15 साल वाली ड़बल इंजन सरकार अप्रवासी बिहारी मज़दूरों को वापस नहीं लाने के बहाने खोज टाल-मटोल कर रही है।
5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3500 लोग ही वापस आ पा रहे है।
कभी किराया, कभी संसाधनों तो कभी नियमों का रोना रोते है।नीतीश सरकार की मंशा क़तई मज़दूरों को वापस लाने की नहीं है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 4, 2020
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि “15 साल वाली डबल इंजन सरकार अप्रवासी बिहारी मजदूरों को वापस नहीं लाने के बहाने रोज टाल-मटोल कर रही है। 5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3500 लोग ही वापस आ पा रहे हैं। कभी किराया, कभी संसाधनों तो कभी नियमों का रोना रोते हैं। नीतीश सरकार की मंशा कतई मजदूरों को वापस लाने की नहीं है।”
CM ठाकरे ने केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों से टिकट किराया न लेने का किया अनुरोध
आदरणीय @NitishKumar जी, ग़रीब मज़दूरों की तरफ़ से 50 ट्रेनों का किराया राजद वहन करने के लिए एकदम तैयार है क्योंकि ड़बल इंजन सरकार सक्षम नहीं है।कृपया अब अविलंब प्रबन्ध करवाइए।@SushilModi जी- कुल जोड़ बता दिजीए, तुरंत चेक भिजवा दिया जाएगा। वैसे भी आपको खाता-बही देखने का शौक़ है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 4, 2020
तेजस्वी ने कहा कि “राजद शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ से 50 ट्रेन देने को तैयार है। हम मजदूरों की तरफ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करे, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफर करेगी।”