राजद नेता तेजस्वी यादव ने मतदाताओं से, “हिंदू बनाम मुसलमान और फर्जी राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों” से सतर्क रहने तथा दुष्प्रचार से प्रभावित हुए बिना सरकार चुनने की अपील की। बिहार में हाल में संपन्न हुए विधानसभा सत्र से अपनी गैर मौजूदगी को लेकर सत्ता पक्ष की आलोचनाओं का बार-बार शिकार हो रहे नेता प्रतिपक्ष ने बृहस्पतिवार को एक लंबे फेसबुक पोस्ट में अपने विचार साझा किए।
लोकसभा चुनावों में पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाने के बाद से ही वह निराश चल रहे हैं। यादव ने ‘दिल की बात’ शीर्षक से लिखे पोस्ट में कहा, “लोगों को दुष्प्रचार से प्रभावित हुए बिना उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने वाले मुद्दों को जहन में रखते हुए सरकार चुननी चाहिए।” बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं।
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यादव ने लिखा, “अगर लोग हिंदू बनाम मुसलमान और फर्जी राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों में उलझे रहेंगे, महज 6,000 रुपये सालाना जैसे प्रलोभनों में आ जाएंगे जो प्रतिदिन के लिहाज से मात्र 17 रुपये है तो किसी भी सरकार को उनकी समस्याओं को सुलझाने की जरूरत क्यों महसूस होगी।” उनका इशारा भाजपा नीत केंद्र सरकार की ‘किसान सम्मान निधि योजना’ की तरफ था जिसके तहत छोटे एवं वंचित किसान परिवारों को सालाना 6,000 रुपये का आय समर्थन दिया जाएगा जिनके पास भूमि का संयुक्त स्वामित्व है या दो हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व है। साथ ही यादव ने नीतीश कुमार सरकार द्वारा हर बार 25-30 साल पहले की स्थिति का हवाला देने को लेकर भी शिकायती लहजा अपनाया जब राज्य में उनके पिता लालू यादव और बाद में उनकी मां राबड़ी देवी का शासन था।