राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि दिल्लीवासियों से बिहार के मतदाताओं को भी प्रेरित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों ने ‘असली राष्ट्रवाद’ अपनाकर विपक्षियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है और अब बिहार के मतदाताओं की बारी है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के जनता को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए दिल्लीवासियों का अनुकरण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सीएए जैसे मुद्दों पर अपना ‘धर्मनिरपेक्ष नकाब’ उतार फेंकने में भी कोई गुरेज नहीं है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में राजग सरकार के विभाजनकारी एजेंडे को हराने का जिम्मा विपक्ष पर है और उसे ‘दुर्जेय एवं एकजुट’ विकल्प देना चाहिए। बिहार विधानसभा में राजद नेता ने मुख्यमंत्री पर निशान साधते हुए कहा कि,‘‘नीतीश कुमार ने सीएए, एनपीआर, और एनआरसी की कभी आलोचना नहीं की है। उन्होंने हाल के आरक्षण मुद्दे पर भी एक भी शब्द नहीं बोला। उनमें भाजपा की किसी भी नीति की आलोचना करने का साहस नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि जदयू ने संसद में नागरिकता संसोधन कानून को पारित कराने में मदद की है इसलिए नितीश कुमार ने सिर्फ इतना कहा कि उनकी सरकार राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेगी। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘ नीतीश कुमार शातिर नेता हैं। उन्हें मालूम है कि भाजपा एक बार एनआरसी को कानून बनाती है तो वह उसे मानने के सिवा कुछ नहीं कर सकते हैं। तब वह फिर संवैधानिक प्रावधानों के सन्दर्भ में चिल्ला-चिल्लाकर अपनी असमर्थता प्रदर्शित करेंगे।’’
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तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी की पूरी कवायद राजनीतिक लाभ के लिए देश को धार्मिक आधार पर बांटना और ध्रुवीकरण करना है। नितीश कुमार को अपना असली रंग दिखाने के लिए ‘धर्मनिरपेक्ष नकाब’ को उतार फेंकने में कोई हिचक नहीं है। आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली चुनाव की शानदार जीत का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि संदेश न केवल बिहार चुनाव बल्कि पूरे देश के लिए बिल्कुल स्पष्ट है कि यदि सरकार जरूरी सुविधाओं और सामाजिक एवं वित्तीय सुरक्षा के लिए काम करती है तो ध्यान बंटाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होता है।
राजद नेता ने कहा, ‘‘ नागरिकों का कल्याण असली राष्ट्रवाद है। लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना राष्ट्र के लिए आपदा साबित हो रही है। युवा सड़कों पर लड़ रहे हैं, भीड़ द्वारा हत्या की जा रही है, गालियां दी जा रही हैं। केंद्रीय मंत्री नागरिकों को उन लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए भड़का रहे हैं जो सरकार से सवाल कर रहे हैं।’’