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बिहार की सबसे बड़ी ताकत बनेगा टेक्सटाइल उद्योग, जल्द ला रहे हैं शानदार पॉलिसी : शाहनवाज हुसैन

बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बुधवार को टेक्सटाईल सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाओं पर चर्चा के लिए देश की टॉप इंडस्ट्री बॉडी CII ( Confederation of Indian Industries) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बुधवार को टेक्सटाईल सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाओं पर चर्चा के लिए देश की टॉप इंडस्ट्री बॉडी CII ( Confederation of Indian Industries) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और देश भर के टेक्सटाईल सेक्टर के उद्योगपतियों से कहा कि बिहार में टेक्सटाइल और लेदर सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं, पूरे देश के टेक्सटाईल और लेदर सेक्टर से जुड़े उद्योपतियों से मेरी अपील है कि बिहार में निवेश के लिए तैयारी करें, क्योंकि हम बहुत जल्द बहुत अच्छी और बहुत की आकर्षक पॉलिसी लेकर आ रहे हैं।
उद्योग संगठन CII ( Confederation of Indian Industries) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के अलावा ओडिशा सरकार में कपड़ा, हैंडलूम्स और हैंडीक्राफ्ट मंत्री पदमिनी डियान, केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के सचिव, यू पी सिंह, ओडिशा सरकार के टेक्सटाइल्स निदेशालय के निदेशक ज्योतिप्रकाश दास, आदित्य बिरला ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और CII – कन्फेडशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के नेशनल टेक्सटाइल चैयर दिलीप गौर व अन्य वक्ता के रुप में शामिल हुए।
बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने सबसे पहले सीआईआई का धन्यवाद करते हुए कहा कि वो उद्योग संगठन सीआईआई के शुक्रगुजार हैं कि इस मंच के जरिए उन्हें देश के कपड़ा उद्योग से जुड़े तमाम स्टेकहोल्डर्स(हितधारकों) और उद्योगपतियों के सामने बिहार का पक्ष रखने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि बिहार में टेक्सटाइल सेक्टर की मौजूदगी या कपड़े का उत्पादन सदियों से होता रहा है। बिहार के जिलों में तैयार होने वाला टसर सिल्क, बुनकरों द्वारा तैयार किया गया टेक्सटाइल, मधुबनी की मनमोहनक चित्रकारी के साथ बनाए जाने वाले परिधान विश्व प्रसिद्ध हैं।
बिहार में करीब 1 लाख बुनकर हैं जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी इस हुनर को, तकनीकी कौशल को आगे बढ़ाया है और वो बिहार में टेक्सटाइल सेक्टर को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुशल (Skilled) और अर्धकुशल (Semi-skilled) श्रम संसाधन या मानव संसाधन की भी बहुतायत है।
कोविड के दौर में जो 15.29 लाख स्किल्ड और अनस्किल्ड श्रमिक बिहार लौटे, उनमें से 56 प्रतिशत टेक्सटाइल सेक्टर में कार्य़ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार की ये श्रमशक्ति आने वाले दिनों में बिहार में टेक्सटाइल सेक्टर को जबरदस्त ग्रोथ देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि बिहार के लोगों की, यहां के वर्करों की कार्यकुशलता विश्व प्रसिद्ध है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के सचिव, यू पी सिंह ने कार्यक्रम में बोलते हुए बिहार की तारीफ की और कहा कि जिस तरह पश्चिम चंपारण के चनपटिया में स्टार्टअप जोन में रेडीमेड गार्मेंट्स के उद्यमियों ने कारोबार शुरु कर अपने आपको स्थापित किया वो एक मिसाल है। Rebooting Textile and Apparel विषय पर CII के कार्यक्रम में बोलते हुए बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले कार्यकाल में यहां आधारभूत संरचना विकास व अऩ्य क्षेत्रों में काफी मूलभूत परिवर्तन हुए। यहां यातायात अब अत्यंत सुगम है।
राज्य सरकार और केंद सरकार की तरफ से यहां विभिन्न राजमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार किया है। रेल यातायात पहले से काफी सुगम हुआ है। बिहार में तीन एयरपोर्ट – पटना, गया और दरभंगा – आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यही नहीं – निकटवर्ती राज्यों के एयरपोर्ट जैसे – वाराणसी, कुशीनगर, बागडोगरा और देवघर भी बिहार के इलाकों से बेहद नजदीक और उपयोगी हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में बहुत से ऐसे फायदे हैं जो इसे टेक्सटाइल उद्योग के विकास के लिए उपयुक्त बनाते हैं। उन्होंने कहा कि एशियाई कॉरीडोर का नेपाल खंड बिहार से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  इससे दक्षिण एशियाई देशों के लिए बिहार विशाल निर्यात क्षमता को अनलॉक करने की स्थिति में है। यही नहीं नेपाल के साथ बांग्लादेश और भूटान के बाजार भी राज्य के काफी निकट हैं।
पड़ोसी राज्यों और निकटवर्ती पड़ोसी देशों की लगभग 55 करोड़ की विशाल जनसंख्या हमारे उद्योगों के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान  करती है। CII के कार्यक्रम में बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बिहार की ड्राफ्ट टेक्सटाइल पॉलिसी को लेकर भी पूरी जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा कि बिहार टेक्सटाइल पॉलिसी के तहत कैपिटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी, इंटरेस्ट सबवेंशन, टैक्स संबंधित इंसेंटिव, पटेंट रजिस्ट्रेशन, लैंड कन्वर्जन फी, स्टाम्प ड्यूटी, एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन सब्सिडी, पॉवर टैरिफ सब्सिडी, स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी, फ्रेट रिम्बर्समेंट आदि आकर्षक इंसेटिव दिया जाना प्रस्तावित हैं । 

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