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रावण दहन कार्यक्रम में भाजपा नेताओं की गैर मौजूदगी से बिहार का सियासी पारा चढ़ा

बिहार में रावण दहन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं की गैर मौजूदगी ने प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ दी है।

बिहार में रावण दहन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं की गैर मौजूदगी ने प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ दी है।
 
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज अपने ट््वीट में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधते हुये कहा, ‘‘प्रिय उप कप्तान जी, आपके असहाय कप्तान (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) मैदान में अकेले खड़े थे और आपके विश्वसनीय सहयोगियों ने उन्हें बोल्ड और रन आउट कर दिया। वहीं, आप क्यों एक अपराधी की तरह भाग खड़ हुये और छुप गये। क्या मुख्यमंत्री के दशहरा कार्यक्रम का बहिष्कार करना आपके लिए आसान था।’’ 
श्री यादव ने कहा कि कल के रावण दहन कार्यक्रम में भाजपा का न कोई नेता दिखा, न कोई विधायक और न ही विधान पार्षद। सभी भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अकेला छोड़ दिया। इसका जवाब तो श्री कुमार को देना पड़गा।
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नेता प्रतिपक्ष ने सवालिया लहजे में कहा, ‘‘श्री कुमार कहते थे कि वह राजग में अधिक सहज महसूस करते हैं। मैं अब उनसे पूछना चाहता हूं कि अब वह अपने आप को कहां अधिक सहज महसूस करते हैं। भाजपा के नेता चाचा (श्री कुमार) की इतनी बेइज्जती कर रहे हैं लेकिन इसके बाद भी वह कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि उन्हें कुर्सी से प्यार है। साथ ही उन्हें सृजन घोटाले का भी डर लगा है।’’ 
कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि भाजपा ने कल रावण दहन के दौरान अपने आप को अलग कर लिया। इसमें कोई राजनीति एंगल नहीं है। भाजपा और जदयू में खटपट पहले से ही चल रही है। दो सप्ताह से पटना के लोग जलजमाव से नारकीय स्थिति भोग रहे हैं। 
श्री मिश्रा ने कहा कि 25 वर्षों से भाजपा के विधायक पटना से जीतते रहे हैं। इसके बाद भी जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं कर पाए। इसी डर से रावण दहन के दौरान भाजपा के नेता नहीं आये कि कहीं रावण के दहन से पहले जनता उनका ही दहन न कर दे। भाजपा के सभी नेता इस डर से घर में छुप हुये हैं। 
उन्होंने कहा कि जलजमाव की खतरनाक स्थिति से जूझ रही जनता का आक्रोश गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान प्रकट हो जाता। समारोह में नहीं जाकर भाजपा ने अपने ही मुख्यमंत्री का अपमान किया है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय महासचिव फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि भाजपा और जदयू में कुछ भी ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक साजिश के तहत भाजपा के सभी नेताओं ने रावण दहन कार्यक्रम का बहिष्कार कर मुख्यमंत्री श्री कुमार को ऐतिहासिक गांधी मैदान में अकेला छोड़ दिया। भाजपा ने रावण दहन कार्यक्रम में शामिल नहीं होकर राज्य के लोगों के मताधिकार का अपमान किया है, जिसका जवाब उन्हें देना होगा। 
वहीं, दूसरी ओर इस पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी किसी कार्यक्रम को लेकर शहर से बाहर थे वहीं केंद्रीय मंत्री एवं पटना साहिब से भाजपा के सांसद रविशंकर प्रसाद ने पहले ही कहा था कि वह पटना में जलजमाव के कारण इस बार दशहरा नहीं मनाएंगे। इन दोनों नेताओं के अनुपस्थित रहने का कारण स्पष्ट है। 
श्री प्रसाद ने कहा कि इस सिलसिले में उनकी दशहरा कमेटी के आयोजक कमल नोपानी बात हुई थी तो उन्होंने बताया कि पूर्व की तरह इस बार भी सभी नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था। इसी को ध्यान में रखते हुये मुख्य समारोह स्थल पर सभी नेताओं के नाम के स्टीकर कुर्सियों पर चिपका दिये गये थे। समारोह में अनुपस्थित रहने वाले नेताओं से पूछे जाने पर ही इस संबंध में बेहतर जानकारी मिल सकेगी।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि यह सरकारी आयोजन नहीं था और यह वर्षों से दशहरा कमेटी करती आ रही है। रावण दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसमें दलीय एवं राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि समारोह में नहीं आना हैरानी उत्पन्न करने वाली स्थिति जरूर है। 
समारोह में नहीं आना पलायनवादी नजरिया है, जिसे लोकतंत्र पसंद नहीं करता। ऐसे नेताओं को समारोह में अवश्य उपस्थित होना चाहिए था। 
उन्होंने कहा, ‘‘अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की चुनौतियों को हम समझ रहे हैं और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बिहार में प्रचंड बहुमत मिला था उसे फिर से दुहरायेंगे।’’ 
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि रावण दहन कार्यक्रम में भाजपा नेताओं की गैर मौजूदगी को जदयू और भाजपा के बीच मतभेद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह न तो सरकारी और न ही राजग का औपचारिक कार्यक्रम था बल्कि यह एक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं गैर राजनीतिक कार्यक्रम था। उन्होंने दावा किया कि राजग चट्टान की तरह मजबूत है और इसकी संयुक्त शक्ति अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करेगी। 
श्री आनंद ने कहा कि रावण दहन कार्यक्रम में भाजपा नेताओं का शामिल नहीं हो पाना केवल संयोग मात्र है। वहीं, दशहरा कमेटी में भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कई नेता अपने-अपने क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में व्यस्त थे इसलिए इसका कोई राजनीति अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।’’

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