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देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है : माधव आनंद

सरकार आर्थिक स्थिति से उबरने के उपाय नहीं कर रही यही कारण है कि भारत विकासशील देश की श्रेणी से अविकसित देशों की श्रेणी में आ गया।

पटना : रालोसपा के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता माधव आनंद ने विमल जालान समिति की सिफारिश पर आरबीआई में आपातकाल के लिए रखा रुपया को केन्द्र सरकार के पास हस्तांतरित करने के निर्णय की निंदा कर कहा कि आरबीआई से केन्द्र सरकार को प्रोत्साहन पैकेज लेना इस बात का सबूत है कि देश का अर्थव्यवस्था बहुत खराब है। विमल जालान समिति की सिफारिश पर आपातकाल के लिए रखा पैसा हस्तांतरित किये जाने से केन्द्र की मोदी सरकार को राजकोषीय घाटा बढ़ाये बिना सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगा। यह पैसा सरकार किस मद में खर्च करेगी उसे सार्वजनिक करना चाहिए।
श्री माधव ने कहा कि  देश की अर्थव्यवस्था आई.सी.यू. में है जिसे रिजर्व बैंक की आक्सीजन के सहारे जिन्दा रखने की कवायद केन्द्र सरकार कर रही है। केन्द्र की सरकार चुनाव के पूर्व आर्थिक स्थिति पर सरकारी आकड़ों को छुपाती रही और वर्तमान में भी सरकार आर्थिक स्थिति से उबरने के उपाय नहीं कर रही यही कारण है कि भारत विकासशील देश की श्रेणी से अविकसित देशों की श्रेणी में आ गया। केन्द्र सरकार अपने सारी उपक्रमों को बेच रही है और उसी पैसे से सरकार के द्वारा प्रचार कर लोगों को गुमराह कर रही है।  
रिजर्व बैंक के द्वारा सरकार को जो 1.76 लाख करोड़ का बेल आउट पैकेज दिया गया है। वह एक गलत परंपरा की शुरूआत है। इस समय देश मंदी के दौर से गुजररहा है। सरकार को इस पैकेज से राहत तो मिल सकती है परन्तु स्थायी निदान नहीं हो सकता। स्थायी निदान हेतु बड़े-बड़े निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करने के बजाय गांधी जी के बताये हुए स्वरोजगार एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने होंगे। जीएसटी को ज्यादा व्यवहारिक बनाना होगा, नोटबंदी के कुप्रभावों को दूर करने के उपाय ढंूढने होंगे। नगदी का प्रचलन जारी रखना होगा जिससे छोटे-छोटे व्यापारी जिन्दा रह सके और गांधी जी का सपना पूरा हो सके।  

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