तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने चीन में कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का बुधवार को आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चीन का कम्युनिस्ट शासन ‘‘बंदूक की ताकत’’ पर चल रहा है जिसका तिब्बत के बौद्ध ‘‘सच्चाई की शक्ति’’ के साथ पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
दलाई लामा ने यहां बोधगया में महाबोधि मंदिर में यह बयान दिया। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर बुद्ध ने दो सहस्त्राब्दि पहले ज्ञान प्राप्त किया था। वह अपनी एक पखवाड़े तक चलने वाली वार्षिक यात्रा पर मंगलवार की रात बोध गया पहुंचे और इस दौरान उन्होंने प्रवचन दिए।
दलाई लामा ने चीन की जनमुक्ति सेना के दमन के मद्देनजर अपना देश छोड़कर भागने के बाद 1959 में भारत में शरण ली थी। उन्होंने कहा, ‘‘तीन साल पहले हुए सर्वेक्षण में पता चला कि चीन में तिब्बती बौद्धों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। हमारे पास सच की ताकत है जबकि चीन में कम्युनिस्ट शासन के पास बंदूक की ताकत है।’’
दलाई लामा बोधगया में तिब्बती मॉनस्ट्री में ठहरेंगे जहां सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वहां स्थित मंदिर की सुरक्षा पैरामिलिट्री फोर्स कर रही हैं। गौरतलब है कि दलाई लामा से मिलने के लिए श्रद्धालुओं की भारी संख्या पहुंच रही है। इससे पहले मुंबई से बोधगया पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया था।