बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि बक्सर के विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी को साजिश के तहत शराबबंदी केस में फंसाया जा रहा है। जब शराब बरामदगी के वक्त गाडी में हमारे विधायक नहीं थे तो उनपर एफआईआर होना दुखद है। विरोधी दल का नेता होने के कारण नाहक तंग करना अच्छी बात नहीं है।
श्री सिंह ने कहा कि बिहार में शराबबंदी हमारी महागठबंधन सरकार की देन है। उस वक्त विभागीय मंत्री भी कांग्रेस के ही थे। हमलोगों ने नशाबंदी कानून बनाने में नीतीश सरकार को भरपूर सहयोग किया है। फिर हमारे विधायक शराब की खेप में कैसे शामिल हो सकते हैं। यह जरूर ही मुन्ना तिवारी जी के विरोधियों की साजिश लगती है।
श्री सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी में कांग्रेस के सभी एमएलए और एमएलसी तन-मन-धन से लोगों के लिये राहत कार्य कर रहे हैं। विधायक मुन्ना तिवारी के अनुसार उनकी गाडी उनके क्षेत्र में राहत सामग्रियों का वितरण कर लौट रही थी। ऐसी स्थिति में गाडी से शराब मिलना उनके विरोधियों के षडयंत्र का हिस्सा हो सकता है। श्री सिंह ने कहा कि पुलिस प्रशासन को जांच करना है तो वह निष्पक्ष तरीके से जांच जरूर करेय किन्तु विरोधी पार्टी के विधायक को परेशान करना लोकतंत्र के हित में नहीं है।
वहीं युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने नीतीश सरकार का बक्सर के कांग्रेसी विधायक मुन्ना तिवारी को शराब कांड में संलिप्त करना बिहार सरकार द्वारा लोकतंत्र की हत्या को दर्शाता है। कांग्रेस के विधायक की गाड़ी जिससे शराब मिला एक गाड़ी जनता के राहत और सहायता के लिए क्षेत्र में था। कांग्रेस ने उस वक्त सरकार में रहते हुए नशाबंदी कानून में सरकार का भरपुर सहयोग दिया था। उस वक्त विभागीय मंत्री भी कांग्रेस के ही थे।
ललन ने कहा कि विरोधी कांग्रेस के बक्सर विधायक को नाहक परेशान करना राजनीति ऑर लोकतंत्र के लिए घातक है। इस महामारी में कांग्रेस के विधायक सभी तरह के राहत और कल्याण कार्य करने में लगे हैं। बिहार सरकार शराब के माफियाओं के साथ अंदरुनी सांठगांठ में है परन्तु विपक्ष के नेताओं पर साजिश के तहत फंसा कर राजनीतिक लाभ लेने ऑर इस महामारी में अपनी असफलता की छुपाने में लगी है।