पटना ,(पंजाब केसरी) : भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने लोकतंत्र के मंदिर को ताबूत दिखाने वाले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ऐसी सोच रखने वाली पार्टी के मानसिकता का पतन है जिसका परिणाम इन्हे 2024 और 2025 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता दिखाएगी। उन्होंने स्पष्ट पूछा कि जिस पार्टी ने इस लोकतंत्र को ताबूत बोला है, क्या आने वाले मानसून सत्र में वह शामिल नहीं होगी ?क्या उनके सांसद मानसून सत्र में उपस्थित नहीं रहेंगे? क्या राम मंदिर जब बनेगा तो क्या उनके लोग मंदिर में नही जायेंगे? श्री सिन्हा ने कहा कि को पार्टी पटना में रहकर लोकतंत्र के इस मंदिर का विरोध कर रही थी , उसी पार्टी के राज्यसभा सांसद और फिर उपसभापति बने हरिवंश जी ने तो इसे ऐतिहासिक भवन कहते हुए इसे आजाद भारत का पहला प्रतीक चिन्ह बताया। श्री हरिवंश जी ने नए संसद भवन को ईट पत्थरो का एक ढांचा नही बल्कि भारत की आजादी में लड़े उन तमाम योधायो का स्मृति बताया। जब वरिष्ठ पत्रकार और विद्वान श्री हरिवंश जी को यह बात समझ में आ रही है तो बाकी विरोध करने वाले कौन लोग है? ये वही लोग है जो अक्सर उल्टी गंगा बहाते है।इन्हे दूसरे राष्ट्र अध्यक्षों द्वारा मोदी जी की तारीफ दिखाई नहीं देती है इनका काम है अगर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सुबह को सुबह कह दे तो ये लोग इसे शाम साबित करने में लग जायेंगे।विरोध की परिभाषा को पार करते हुए किसी योजना,राष्ट्र चिन्ह या फिर मेमोंटो का विरोध करने लगे है।जिस तरह से अखंड भारत को तोड़कर मुगलों ने देश पर कब्जा जमाया था ,ये लोग भी विदेशी नीतियों में प्रभावित होकर देश के टुकड़े टुकड़े करना चाह रहे है लेकिन श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में ,सरदार बल्लभ भाई पटेल को साक्षी मानकर अखंड भारत,एक भारत के सपने को साकार करेंगे।