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बिहार : राजद में मचा घमासान शांत होता नहीं दिख रहा, तेजप्रताप को ‘किनारे’ करने की तैयारी!

पिछले वर्ष हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जिस तरह राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव ने परिश्रम कर राज्य में सबसे अधिक सीट पार्टी को दिलवाई है, उसके बाद लालू प्रसाद भी तेजस्वी की तारीफ कर रहे हैं।

बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में मचा घमासान शांत होता नहीं दिख रहा है। इस बीच, राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने बडे भाई तेजप्रताप यादव को जिस तरह इशारों ही इशारों में अनुशासन का पाठ पढ़ाया है, उससे राज्य की सियासत में यह बात उठने लगी है कि कहीं राजद अब तेजप्रताप पर अंकुश लगाने या किनारा करने की तैयारी तो नहीं प्रारंभ कर दी है।जानकार भी कहते है, पार्टी ने तेज प्रताप को स्पष्ट संदेश दे दिया है की वे या तो अनुशासन में रहे या उन्हें पार्टी किनारे कर सकती है।
पिछले वर्ष हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जिस तरह राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव ने परिश्रम कर राज्य में सबसे अधिक सीट पार्टी को दिलवाई है, उसके बाद लालू प्रसाद भी तेजस्वी की तारीफ कर रहे हैं।
राजनीतिक समीक्षक मणिकांत ठाकुर भी कहते हैं, “राजद का वोटबैंक माने जाने वाले मतदाता भी पूरे तौर पर लालू प्रसाद के उत्तराधिकारी के रूप में तेजस्वी को मान चुके हैं। उनकी नजर में लालू प्रसाद के उत्तराधिकारी तेजप्रताप हो ही नहीं सकते। ऐसी स्थिति में तेजप्रताप को लेकर राजद कोई भी ‘रिस्क’ उठाने को तैयार नहीं होगा।”तेजप्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी को ही मुख्यमंत्री बनाने की बात करते रहे हैं। हालांकि उनकी बयानबाजी से राजद को नुकसान पहुंचने का भी पार्टी को भय सता रहा है।
राजद के नेता इस मामले पर बहुत ज्यादा खुालकर तो नहीं बोलते हैं, लेकिन राजद के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए अनुशासन जरूरी है।पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने भी उन्हें इशारों ही इशारों में यह संदेश दे दिया है। तेजस्वी ने शुक्रवार को दिल्ली रवाना होने के पूर्व पटना में पत्रकारों से कहा कि, “तेजप्रताप यादव बड़े भाई हैं, ये अलग बात हैं। माता-पिता ने हमें यह संस्कार दिया है कि बड़ों का आदर करो, सम्मान दो। अनुशासन में रहो।”
मणिकांत ठाकुर कहते हैं कि तेजस्वी ने लालू प्रसाद के उत्तराधिकारी के रूप में अभी तक पार्टी को नुकसान नहीं किया है, जबकि तेजप्रताप अपने स्वभाव की वजह से पार्टी के लिए समस्या बने रहे हैं।उन्होंने कहा, “मेरे विचार से तेजप्रताप को यह मैसेज दे दिया गया है कि अगर वे अपने स्वभाव में परिवर्तन नहीं लाते हैं, जिससे पार्टी को नुकसान हो, तो पार्टी में ही नहीं परिवार में भी गौण कर दिया जाएगा।”ठाकुर तो यहां तक कहते हैं कि पार्टी तेजप्रताप के मूल्य पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी जैसे नेताओं को नहीं खोना चाहेगी। ऐसी स्थिति में पार्टी के बिखरने का डर होगा।
तेजप्रताप हालांकि शनिवार को भी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि ” चाहे जितना षड्यंत्र रचो, कृष्ण-अर्जुन की ये जोड़ी को तोड़ नहीं पाओगे।”इस ट्वीट के साथ उन्होंने अपनी और तेजस्वी की तस्वीर भी साझा की है।बहरहाल, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा छात्र राजद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी गगन कुमार को दिए जाने के बाद राजद में मचे घमासान का अंत कब होगा यह तो भविष्य के गर्त में हैं, लेकिन इतना तय है कि पार्टी ने तेजप्रताप के बयानों को लेकर पार्टी में कोई नुकसान होने नहीं देने की तैयारी कर ली है।

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