पटना ,(पंजाब केसरी) :वित्त मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि सेंगोल प्रकरण भाजपा नेताओं द्वारा जान-बूझ कर विवादित रूप से खड़ा किया गया है। सच्चाई यह है कि अभी तक इसके संबंध में कोई दस्तावेजी प्रमाण सार्वजनिक नहीं किया गया है। जो बातें प्रकाश में आई हैं या जो पुराने संबंधित दृश्य भी दिखाए गए हैं, इससे एक ही बात स्पष्ट होती है कि सदियों की गुलामी के बाद आजाद भारत की पहली सरकार के गठन से पूर्व इस सेंगोल का निर्माण दैवी शक्तियों के आशीर्वाद के आह्वान के लिए हुआ था। इसी मकसद से अधीनम पीठ (तमिलनाडु) से इसे सिद्ध-सिक्त कर नेहरू जी को पुजारियों द्वारा सौंपा गया था। आम प्रचलन है कि नई सरकार को सभी की शुभकामनाएँ मिलती हैं एवं सेंगोल का निर्माण भी ईश्वरीय आशीर्वाद से नई सरकार के सफल भविष्य की मंगलकामना थी। श्री चौधरी ने कहा कि भाजपा ने इसे राजदण्ड बताकर सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बना दिया। इसकी तुलना चोल वंश से लेकर ब्रिटिश प्रणाली में नए राजा को दिये जाने वाले दंड से कर दिया गया। आश्चर्य है कि उस प्रकार के राजदण्ड तो एक वंश या साम्राज्य के प्रतीक होते हैं जो पीढ़ी -दर- पीढ़ी हस्तांतरित होते हैं। असली प्रामाणिक ऐतिहासिक धरोहरों की उपेक्षा कर मनगढ़ंत कहानियों से नया इतिहास बनाने एवं रचने की कला में भाजपा को महारत है, जिसे भारत की जनता खूब समझती है।