पटना : 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है। सभी दल गठबंधन बनाकर चुनावी समर में कूदने का मन बना लिया है। देश में दो ही राष्ट्रीय पार्टियों के इर्द-गिर्द इन दो धु्रवों में शामिल एनडीए गठबंधन का नेतृत्व नरेन्द्र मोदी एवं राहुल गांधी कर रहे हैं। दोनों राष्ट्रीय पार्टी अपने दम-खम पर चुनाव लडऩा चाहती है। क्योंकि एक पार्टी सरकार में है तो दूसरी सत्ता से बाहर। दोनों पार्टियां मजबूत क्षेत्रिय दल के वैसे नेता जो जातिय समीकरण के हिसाब से वैतरणी पार करना चाहती है। बिहार के राजनीति में एनडीए के घटक दल भाजपा जदयू एवं लोजपा सीटों के बंटवारा कर एक साथ चुनाव लडऩे की तैयारी में जुट गयी है। तीनों घटक दलों के नेताओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर दही-चूड़ा का भोज देकर कार्यकत्र्ताओं एवं मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने में जुट गये हैं। भाजपा जदयू एवं लोजपा ने अगल-अलग ढंग से गठबंधन में घटा व नुकसान को देखते हुए काम शुरू कर दिया है।
वहीं लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के खाते में छह सीटें गयी है। लोजपा सुप्रीमो को मौसम वैज्ञानिक का उपमा दी गयी है क्योंकि वे केन्द्र में जिसकी सरकार बनती है उसमें वे शामिल होते हैं। पिछली बार केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी के एक वोट के अंतर से सरकार गिरा दी थी। जिससे काफी चर्चा का विषय बन गया था। दूसरी बार बिहार विधानसभा चुनाव में 27 सीट लेकर ताले की चाभी लेकर हट गये थे जिससे केन्द्र व राज्य में मध्यावधि चुनाव की नौबत आयी थी। इस बार भी लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने आम जनों के भावनाओं को भांप कर एनडीए से अलग होना चाहते थे लेकिन केन्द्र के मोदी सरकार ने इन्हें भागने नहीं दिया।
अब वे इस बार हाजीपुर संसदीय सीट से चुनाव लडऩा नहीं चाहते, क्योंकि वहां की मतदाताओं के अपेक्षा एवं आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। इनका पुत्र चिराग पासवान जमुई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एवं भाई रामचन्द्र पासवान समस्तीपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। तीन लोगां के संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने काफी आक्रोश कामय है। इसको ले श्री पासवान ने हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लडऩे का संकेत ही नहीं मान मनौबल चुनाव से पहले राज्य सभा में जाने का एग्रीमेंट भाजपा करा ली है। इस बार के ल ोकसभा चुनाव में भ्भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। क्येांकि भाजपा ने इन्हें कस कर पकड़ रखा है इन्हें भागने नहीं देगी। हाजीपुर लोकसभा से इनकी पत्नी रीना पासवान का चनुाव लडऩे की च र्चा चल रही है। क्योंकि पशुपति पारस सरकार में मंत्री हैं। बीमारी की वजह से लोकसभा का चुनाव लडऩा नहीं चाह रहे हैं।