पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राज्य में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।उत्तर से दक्षिण तक राज्य में जल स्तर नीचे चला गया है और चापाकल तथा बोरिंग फ़ेल हो रहा है।
सिन्हा ने कहा कि बर्ष2016 में शुरू हर घर नल का जल योजना बिफल हो चुका है।लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है।आँकड़ो के मुताबिक सरकार ने इस योजना के तहत 29245 करोड़ रुपये व्यय किया है जिसमें पी एच ई डी द्वारा 14091 करोड औऱ पंचायती राज विभाग द्वारा 15154 करोड़ खर्च किये गए हैं।
सिन्हा ने कहा कि सरकार द्वारा इस योजना के तहत राज्य के 1.66 करोड़ परिवारों में से 1.63 करोड़ परिबारों को नियमित रूप से 6 घंटा प्रतिदिन जलापूर्ति नियमित रुप से करने का दावा किया जा रहा है जो असत्य है।शहरी अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी इस योजना के तहत नियमित पीने का पानी नहीं मिल रहा है।इसका प्रमुख कारण योजना कार्यान्वयन में मानक, गुणवत्ता और पारदर्शिता का अभाव है।जहाँ पीतल के सामान उपयोग करना है वहाँ प्लास्टिक दिया गया है।बोरिंग धसाने में गहराई का ध्यान नहीं रखा गया।रद्दी क्वालिटी के प्लास्टिक का उपयोग किया गया।
सिन्हा ने कहा कि कई जिलों के जिलाधिकारी ने इस योजना में गड़बड़ी की शिकायत राज्य मुख्यालय को भेजा।यहाँ तक कि स्थल अध्ययन में गई विधानसभा की समिति के सदस्य ने मुख्यमंत्री जी से मिलकर इसकी जानकारी भी दी।लेकिन योजना में सुधार नहीं हुआ और लूट खसोट जारी रहा।
सिन्हा ने कहा कि यदि वास्तव में सरकार का भरस्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस है तो इसकी जाँच निगरानी से कराई जाय।इस योजना का पैसा लूटने वाले भरस्टाचारियों से पैसा वसूल कर नल जल योजना का गुणबत्ता पूर्ण कार्यान्वयन की जाय।अगर सरकार इन उपायों को मूर्त रूप देने में रुचि नहीं लेगी तो वह दिन दूर नहीं जब पीने का पानी को लेकर बढ रहा जनाक्रोश जनांदोलन का रूप ले लेगा।