बिहार में एक बार फिर हुए कोरोना विस्फोट के बीच आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में पहुंचे फरियादियों में से छह के कोरोना संक्रमित पाए जाने से हड़कंप मच गया।
कार्यक्रम स्थल पर जाने से पूर्व भी एंटिजन किट से जांच शुरू
मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में प्रत्येक सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जनता दरबार में आने से पूर्व फरियादियों की उनके ही जिले में आरटीपीसीआर जांच की जाती है। रिपोर्ट निगेटिव रहने पर ही उन्हें यहां आने की अनुमति होती है। पूर्व की व्यवस्था के अनुसार, आरटीपीसीआर रिपोर्ट वाले व्यक्ति को सीधे कार्यक्रम स्थल पर जाने की अनुमति होती थी लेकिन राज्य में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को ध्यान में रखते हुए आज पहली बार कार्यक्रम स्थल पर जाने से पूर्व भी एंटिजन किट से जांच शुरू की गई।
दरबार में पहुंचे सभी 220 फरियादियों की जांच की गई
जांच के दौरान औरंगाबाद जिले के एक फरियादी के संक्रमित होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद परिसर में हड़कंप मच गया। इसके बाद जनता दरबार में पहुंचे सभी 220 फरियादियों की जांच की गई, जिसमें से छह व्यक्ति संक्रमित पाए गए। संक्रमित फरियादियों में से नवादा जिले के दो तथा औरंगाबाद, नालंदा, गोपलगंज और रोहतास जिले के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। इसके बाद परिसर में उपस्थित चिकित्सकों की टीम ने इन संक्रमितों को पाटलीपुत्र स्पोटर्स कॉम्पलैक्स स्थित कोविड सेंटर भेज दिया, जहां उन्हें आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जाएगा।
फरियादियों के लिए परिवहन सेवा को बंद कर दिया गया
मुख्यमंत्री श्री कुमार का जनता दरबार कार्यक्रम पांच साल बाद इस वर्ष 12 जुलाई से शुरू हुआ। शुरुआत में इस कार्यक्रम में आने वाले फरियादियों की उनके जिले में ही आरटीपीसीआर जांच कराई जाती थी। इसके बाद उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहनों से जनता दरबार में लाया जाता था लेकिन राज्य में कोरोना संक्रमण का प्रभाव लगभग समाप्त होने के बाद फरियादियों के लिए परिवहन सेवा को बंद कर दिया गया। ऐसे में माना जा रहा है कि पटना आने के दौरान ही ये छह लोग कोरोना संक्रमित हुए होंगे।
उल्लेखनीय है कि बिहार में रविवार को कोरोना संक्रमण के कुल 352 नये मामले सामने आए हैं। इनमें पटना जिले में सबसे अधिक 142 संक्रमितों की पहचान की गई है। इसके बाद गया में संक्रमितों की संख्या 110 है।