पटना : जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि देश का लोकतंत्र खतरे में है। जनहित मुद्दे पर आवाज उठाने वालों को राष्ट्रविरोधी बताकर उन्हें दबाया जाता है। लोकतंत्र व संविधान के रहने पर ही देश बचेगा। जनशक्ति भवन में पत्रकारों से वार्तालाप कर कन्हैया ने कहा कि देश कुव्यवस्था के दौर से गुजर रही है। धार्मिक उन्माद, साम्प्रदायिकता का माहौल पैदा है।
केन्द्र की एनडीए सरकार में जनहित मुद्दा को नजरअंदाज कर देश की सभी तंत्रों को कमजोर किया जा रहा है। सीबीआई के भीतर घमासान मचा है। प्रधानमंत्री गैर जिम्मेदाराना काम कर रहे हैं उसे रोकने के लिए सभी दलों को एकजुट होकर आवाज बुलंद करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पटना के गांधी मैदान में 25 अक्टूबर को सीपीआई की आयोजित भाजपा हराओ देश बचाओ रैली पार्टी की रैली जरूर है लेकिन इसमें सभी विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे।
बिहार के लोगों पर अन्य राज्यों में हमला किया जा रहा है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की व्यवस्था चरमरायी हुई है। किसानों की हालत दयनीय है। इन सभी मुद्दों पर रैली में चर्चाएं किया जायेगा। उन्होंने अपने ऊपर हुए हमले के सवाल पर कहा कि यह भाजपा की साजिश है। वह नहीं चाहती है कि कोई जनहित के मुद्दे पर आवाज उठाये। एम्स में भर्ती साथी सुशील कुमार से भेंट के दौरान मुझे राष्ट्रविरोधी बताकर चिकित्सकों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। न्यायालय में गुंडों द्वारा वकील का भेष में मुझ पर हमला किया गया।
मुझे न चिकित्सक और न वकील से कोई शिकायत है। लेकिन पेशे को बदनाम न किया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का सूबे के स्वास्थ्य के कुव्यवस्था पर कोई बयान नहीं आता और कन्हैया के सवाल पर लम्बा लम्बा बयान देते हैं। दवा घोटाला की जांच के बार में कहा जाता है लेकिन प्रदेश के अन्य घोटज्ञलों पर भाजपा केनेता कुछ नहीं बोलते हैं।