बिहार में विपक्षी महागठबंध द्वारा उम्मीदवारों के एलान के बाद प्रदेश में करीब एक दर्जन सीटों पर भाजपा और राजद के बीच मुकाबला होने के आसार हैं। वहीं जदयू कई सीटों पर कांग्रेस, रालोसपा एवं हम जैसे दलों से भीडे़गी। महागठबंधन में राजद ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारा है, साथ ही आरा सीट पर सीपीआई-एमएल को समर्थन दे रही है।
राजद की सीटों में अररिया, पाटलिपुत्र, महाराजगंज, सारण, बक्सर, शिवहर, बेतिया, मोतीहारी, , दरभंगा और उजियारपुर में उसका मुकाबला भाजपा से है। आरा में राजद समर्थित सीपीआई-एमएल उम्मीदवार के सामने भाजपा के आर के सिंह होंगे जो दूसरी बार पार्टी की आरे से मैदान में हैं।
चुनावी समर में पूर्णिया, सुपौल, किसनगंज, कटिहार, बाल्मिकीनगर, सासाराम जैसी सीटों पर जदयू का मुकाबला कांग्रेस के साथ तथा जहानाबाद, काराकट, गोपालगंज सीट पर रालोसपा तथा गया सीट पर हम पार्टी, मधुबनी सीट पर वीआईपी पार्टी समेत छोटे विपक्षी दलों से है। किशनगंज, बांका, सीवान, मधेपुरा, भागलपुर जैसी सीटों पर जदयू का राजद से मुकाबला है।
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य की कुल 40 सीटों में से 30 सीटों पर लड़ी थी और तब भाजपा और उसके दो सहयोगी दल रालोसपा और लोजपा ने मिलकर 31 सीटों पर सफलता हासिल की थी। इस बार भाजपा के साथ रालोसपा के स्थान पर सहयोगी दल जदयू है। पिछले चुनाव में जिन आठ सीटों पर भाजपा हारी थी, उसमें सिर्फ एक सीट अररिया ऐसी है, जिस पर इस बार भाजपा चुनाव लड़ रही है। उसकी हारी हुई अन्य सभी सात सीटें जदयू के खाते में जा रही है।
भाजपा ने अपनी जीती हुई पांच सीटें गया, गोपालगंज, वाल्मीकिनगर, झंझारपुर और सीवान सहयोगी दल को दी है। हाजीपुर, नवादा और वैशाली सीट पर लोजपा का मुकाबला राजद से होना है जबकि समस्तीपुर में कांग्रेस एवं जमुई सीट पर रालोसपा से है। खगड़िया सीट पर लोजपा का मुकाबला वीआईपी पार्टी से है।
महागठबंधन में पटना साहिब सीट कांग्रेस के खाते में गई है और वहां पार्टी शत्रुघ्न सिन्हा को भाजपा उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद के सामने उतार सकती है। दरभंगा सीट राजद के खाते में चली गई है और वहां से राजद ने अब्दुल बारी सिद्दिकी को उम्मीदवार बनाया है। इसके कारण भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए दरभंगा के वर्तमान सांसद कीर्ति आजाद इस सीट पर महागठबंधन उम्मीदवार के तौर पर नहीं लड़ पायेंगे। बेगूसराय के सांसद भोला सिंह का निधन हो चुका है, यहां से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
गिरिराज सिंह नवादा से सांसद हैं। नवादा सीट लोक जनशक्ति पार्टी के हिस्से में चली गयी है। भागलपुर सीट जदयू के खाते में गई है जहां से पिछले चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन करीब नौ हजार मतों से पराजित हुए थे। कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार की सीटों पर भाजपा ने अपने लिए मैदान तैयार किया था और बंटवारे में इनमें से काफी सीटें जदयू की झोली में गई हैं। इनमें से अनेक सीटों पर भाजपा पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही थी।
सीमांचल में पूर्णिया सीट पर जदयू की जीत हुई थी और वहां भाजपा के उदय सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे। हालांकि अब उदय सिंह ने पार्टी छोड़ दी है और कांग्रेस में शामिल हो गये हैं। भागलपुर, बांका, किशनगंज और कटिहार में पिछले चुनाव में भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। अररिया में भी भाजपा दूसरे स्थान पर रही थी। कटिहार सीट पर भाजपा के निखिल चौधरी को 316552 और राकांपा के तारिक अनवर को 431292 मत मिले थे। भाजपा 114740 मतों से हारी थी।
तारिक अनवर ने अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है। यह सीट बंटवारे के तहत जदयू को मिली है। पिछले चुनाव में बांका सीट पर राजद के जयप्रकाश नारायण यादव को सफलता मिली थी। भाजपा की पुतुल कुमारी दूसरे नम्बर पर रही थीं। इस बार बांका सीट भी जदयू को मिली है। यहां से पुतुल कुमारी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की घोषणा की है।