मत्स्यजीवी सहयोग समितियों में परम्परागत मछुआरों का हक है गैर मछुआ को तुरंत हटना चाहिए: अनिल सहनी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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मत्स्यजीवी सहयोग समितियों में परम्परागत मछुआरों का हक है गैर मछुआ को तुरंत हटना चाहिए: अनिल सहनी

बिहार निषाद संघ के तत्वावधान में पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर निषादो की सात सूत्री मांगों हेतु एक दिवसीय महाधरना आयोजित की गई।

पटना, (पंजाब केसरी ) :बिहार निषाद संघ के तत्वावधान में पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर निषादो की सात सूत्री मांगों हेतु एक दिवसीय महाधरना आयोजित की गई। इस महाधरना कीअध्यक्षता करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष ई हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने कहा कि कई वर्षों से लंबित निषादों की सात सूत्री मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री एवं विभागीय पदाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिए जाने के कारण इस महाधरना के माध्यम से इन प्रमुख मांगें पर शीघ्र निर्णय लेने हेतु सरकार का ध्यान आकृष्ट की गई है। कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर सहनी ने कहा कि मछुआरों के परम्परागत पेशों को  दबंग गैर मछुआ द्वारा लगातार छिने जा रहे हैं जिसके फलस्वरूप मछुआरों की आर्थिक स्थिति दयनीय होती जा रही है। महा सचिव केशनाथ चौधरी ने मछुआरों की प्रमुख समस्याओं को सरकार द्वारा निराकरण नहीं किये जाने से बिहार के मछुआरा समाज काफी दुखित एवं आक्रोशित है ।प्रधान महासचिव धीरेन्द्र कुमार निषाद ने निषादों की सात सूत्री  प्रमुख मांगें जैसे परम्परागत मछुआरों की सूची प्रकाशित करने एंव सूची प्रकाशित के उपरांत ही मत्स्यजीवी सहयोग समितियों का चुनाव कराने, निषादों के जनसंख्या के अनुपात में विधान परिषद एवं राज्य सभा में प्रतिनिधित्व देने, वन्दोवस्त जलकरों की सुरक्षा करने, मछुआरा आयोग का शीघ्र पुनर्गठन करने, नदियों में कृषि योग्य दियारे की भूमि को निषादों के साथ बन्दोबस्ती करने एवं बालू खनन के बन्दोबस्ती में निषादों के साथ कोटा निर्धारित करने, निषाद गोताखोरों को शीघ्र नियमित नियुक्ति करने और निषादों पर लगातार हो रही जुल्म एंव हत्या पर अंकुश लगाने इत्यादि पर शीघ्र निर्णय लेने हेतु सरकार से मांग की।
1655469869 niti copyविधायक अनील सहनी ने कहा कि बिहार निषाद संघ द्वारा धरना के माध्यम से सरकार से मांगी जा रही सात सूत्री मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों में परम्परागत मछुआरों का हक है गैर मछुआ को तुरंत हटना चाहिए। नदियों में पुलों के निर्माण से नाव घाट परिचालन बन्द होने, नदियों में मछलियों को बहुत कम मिलने से मछुआरों को आर्थिक संकट आ गया है इसलिए नदियों में बालू खनन के बन्दोबस्ती में निषादों का कोटा निर्धारित करने की सरकार से मांग की। जन्मोत्री ममता निषाद ने इन सभी मांगों को सरकार के समक्ष रख कर इन समस्याओं को निराकरण कराने की बात कहीं। महासचिव उमेश मंडल ने कहा कि जब तक मागें पूरी नहीं होती है तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। महा सचिव अर्जुन चौधरी ने कुछ मांगों सरकार द्वारा नहीं मानने पर उच्च न्यायालय में भी ले जाने की संघ को सलाह दी। महासचिव दिलीप कुमार निषाद ने इस धरना में भारी संख्या में आये. हुए सभी निषाद भाईयों को धन्यवाद ज्ञापन किया। बैठक में शशीभूषण कुमार, विनय कुमार निषाद, जीतेन्द्र कुमार, कृष्णा देवी रामेश्वर चौधरी, उदित नारायण मुखिया, लखन निषाद, रामजी चौधरी,रंजनकुमार, प्रेम कुमार निषाद, डॉ सतीश कुमार निषाद, सुरेश प्रसाद सहनी, मनोज कुमार, चन्दकेतु महतो, रविन्द्र कुमार चौधरी, रघुनाथ महतो, विनोद सहनी, शिवरतन निषाद संजय निषाद, रघुवीर महतो जयमंगल चौधरी रामप्रवेश निषाद सहित भारी संख्या में निषादों ने भाग लिया।

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