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बिहार में सड़क निर्माण कार्य के लिए नहीं कटेंगे पेड़ : सुशील

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज स्पष्ट किया कि अब राज्य में सड़क निर्माण कार्य के लिए पेड़ की कटाई नहीं की जाएगी।

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज स्पष्ट किया कि अब राज्य में सड़क निर्माण कार्य के लिए पेड़ की कटाई नहीं की जाएगी। 
श्री मोदी ने यहां 01 से 15 अगस्त 2019 तक मनाए जाने वाले वन महोत्सव की तैयारियों के मद्देनजर पटना के विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वन विभाग की ओर से इस वर्ष एक करोड़ और महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 50 लाख पौधारोपण का लक्ष्य है। 
उन्होंने कहा कि राज्य में सड़कों के चौड़करण एवं अन्य निर्माण के लिए अब कोई पेड़ नहीं कटेगा। पेड़ को स्थानांतरित करने का प्रयोग हैदराबाद की एक कंपनी के सहयोग से किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने आम लोगों की सहभागिता से वन महोत्सव को आंदोलन बना कर सफल करने की अपील करते हुए कहा कि संस्थानों के परिसर में वन विभाग द्वारा मुफ्त में पौधा देकर रोपण किया जायेगा, लेकिन उसकी देखभाल की जिम्मेवारी संस्थानों की होगी। 
निजी तौर पर पौधा लगाने वालों से प्रति पौधे 10 रुपये का शुल्क लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि पटना में लगाए जाने वाले एक लाख पौधों में से शहरी क्षेत्र में 28 हजार पौधे गैबिनयन में लगाए जायेंग। लगाए जाने वाले पौधे दो वर्ष पुराने एवं तीन से चार फुट लंबे होंगे।
श्री मोदी ने कहा कि वन महोत्सव के पहले दिन 01 अगस्त को पटना के वेटनरी कॉलेज परिसर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में ससमारोह एक साथ एक हजार पौधारोपण किया जायेगा। 15 अगस्त तक पूरे बिहार में यह अभियान चलेगा और इसमें स्कूल, कॉलेज, स्वयंसेवी संस्थाएं, उद्योग-व्यापार से जुड़ संस्थाएं और आम लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी। 
इसी बीच 09 अगस्त को बिहार पृथ्वी दिवस का भी भव्य आयोजन कर उसमें शैक्षणिक संस्थाओं को जोड़ जायेगा। पेड़ के संरक्षण के लिए प्रतिवर्ष प्रतीकात्मक रूप से रक्षाबंधन के दिन पेड़ को रक्षासूत्र बांध कर उसे बचाने का संकल्प लिया जाता है। 
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के अलग होने के बाद बिहार के 25 जिलों में प्राकृतिक वन क्षेत्र नहीं था। पहले कृषि रोडमैप (2012-17) के दौरान 24 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरुद्ध 18 करोड़ 47 लाख पौधे लगाये गए। भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान के अनुसार, बिहार का हरित आवरण फिलहाल 15 प्रतिशत तक हो गया है जबकि इसे 17 प्रतिशत तक करने की कोशिश की जा रही है। 
बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, पटना के जिला अधिकारी, बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी)-5 के समादेष्टा, रेड क्रॉस, तरूमित्रा, पूर्व-मध्य रेल, दानापुर, बिहार रेजिमेंटल कॉलेज, दानापुरा, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए), बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, नालंदा मेडिकल कॉलेज, एमिटी यूनिवर्सिटी, आर। पी। शर्मा आईटी कॉलेज, पटना डेंटल कॉलेज, पटना कॉलेजिएट स्कूल, आयुर्वेद महाविद्यालय, डीपीएस पटना, केन्द्रीय विद्यालय, दानापुर, बीएस कॉलेज, दानापुर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

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