बेगूसराय : बेगूसराय लोकसभा चुनाव का चौथा चरण 29 अप्रैल को होना है जहां बेगूसराय की धरती कम्यूनिस्ट एवं राष्ट्रकवि दिनकर की मानी जाती है। बेगूसराय पूरी दुनिया के मानचित्र पर है। जहां राष्ट्रकवि का नाम लिया जाता है वहां बेगूसराय का नाम जरूर लिया जाता है। इस बार सीपीआई का उम्मीदवार कन्हैया कुमार, एनडीए के भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह तो महागठबंधन के राजद उम्मीदवार तनवीर हसन के बीच त्रिकोणीय संघर्ष होने वाला है। इस क्षेत्र में कुल सात विधानसभा क्षेत्र- चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बखरी, बेगूसराय है। वहीं सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार चुनाव में वोट लेने के लिए बड़े -बड़े कद्दावर नेता भी इनके समर्थन में पहुंच रहे हैं। वहीं भाजपा उम्मीदवार को जीताने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और चुनाव के पहले देश के प्रधानमंत्री बरौनी में खाद कारखाना का उदघाटन कर चुके हैं।
महागठबंधन के राजद उम्मीदवार तनवीर हसन के समर्थन में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव कार्यक्रम दर कार्यक्रम कर रहे हैं। यहां के कुल मतदाताओं की जनसंख्या लगभग 19 लाख 42 हजार है। जहां 50-60 प्रतिशत मतदान का प्रतिशत बढ़ नहीं रहा है इस बार 10 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डा. भोला सिंह को 428277, राजद प्रत्याशी तनवीर हसन को 369892 मत मिले थे। विधानसभा क्षेत्र में कन्हैया कुमार का प्रचार बिहार के बाहर जितना हो रहा है उतना बेगूसराय की जमीन पर नहीं दिख रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अब भी महिला एवं बुजुर्ग कन्हैया के बारे में जानते तक नहीं हैं मगर दिल्ली और अन्य राज्यों में कन्हैया के बारे में पूछेगे तो कहेंगे कन्हैया का क्या हाल है।
बेगूसराय की धरती राष्ट्रकवि दिनकर के होने के बाद यह राजनीतिज्ञों की धरती रही है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए प्रत्याशी गिरिराज सिंह एवं महागठबंधन प्रत्याशी तनवीर हसन के बीच है। बेगूसराय के खेत खलिहान में गिरिराज सिंह एवं तनवीर हसन के बारे में अच्छी पकड़ है। यह क्षेत्र गिरिराज सिंह का नहीं उनका क्षेत्र तो नवादा था लेकिन सीट शेयरिंग के बाद नवादा सीट लोजपा खाते में चला गया और उन्हें बेगूसराय सीट मिला। इसी कारण उन्होंने बेगूसराय सीट से नामांकन करने से इंकार कर दिया, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के समझाने के बाद उन्होंने माना। तनवीर हसन वहां के पुराने राजनेता हैं। क्षेत्र में जातीय जनगणना में भूमिहार 5 लाख अल्पसंख्यक 2 लाख यादव डेढ़ लाख, कुशवाहा कुर्मी पौने 3 लाख, पासवान एक लाख, अन्य में लगभग एक लाख लोग शामिल हैं। भूमिहार, यादव और अल्पसंख्यक जिधर घुमेंगे उधर विपक्ष का पल्ला भारी पड़ेगा।