2024 के नजदीक आते – आते राजनीति की गर्मी धीरे – धीरे बढती जा रही है। बात बिहार की जाए तो वहा पर जब से राज्य सरकार चुन कर आई है तब से ही काफी उठा – पटक देखने को मिलती रही है। चुनाव का गठबंधन नितीश कुमार का किसी ओर दल के साथ , सरकार किसी ओर के साथ। नितीश ने सरकार तो भाजपा के साथ बनाई लेकिन कुछ दिन बाद फिर से लालू की पार्टी का दामन थाम लिया। जिसके बाद से बीजेपी नेता नीतीश सरकार को आए दिन घेरे में लेते है।
सरकार के विरुद्ध ज्ञापन सौंपा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और पाटलिपुत्र सासंद रामकृपाल यादव ने बिहार के राज्यपाल आर्लेकर से मुलाकात की। जहा उन्होंने बिहार सरकार के विरुद्ध ज्ञापन सौंपा जिसमे राज्य सरकार की नीति हिन्दू विरोधी बताया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राज भवन ने बाहर आने के बाद नीतीश सरकार और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि मुस्लिम का वोट लो और हिन्दू को जात में बांटो यही नीतीश सरकार कर रही है।
हिंदुओं को जात में बांटो जिससे हमारा सत्ता सुरक्षित
सिंह ने कहा, हम लोग राज्यपाल से मिले और उनको ज्ञापन सौंपकर कहा कि बिहार में जिस तरह हिंदुओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है और मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। मामले में कई हिंदुओं को जेल भेज दिया गया। बिहार सरकार की ओर से तुगलकी फरमान को जारी किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "पीएफआई पर भले ही बैन लग गया है लेकिन बिहार के सभी जिलों में पीएफआई पूरी तरह से सक्रिय है और अपना काम कर रही है। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार तुगलकी सरकार बन गई है। इनकी मंशा है कि मुस्लिमों का वोट लो और हिंदुओं को जात में बांटो जिससे हमारा सत्ता सुरक्षित रहे।
हिंदुओं के साथ अत्याचार कर रही
बेगूसराय से सांसद सह केंद्रीय मंत्री ने कहा, "दुर्गा पूजा में सरकार की ओर से शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए बाध्य किया जा रहा है। ये सरकार का तुगलकी फरमान जारी होता है। ये मुक्यमंत्री मुस्लिम परस्त राजनीती करते है। जब मुस्लिम का कोई भी पर्व आता है या जुम्मा का नमाज होता है तो सरकार छुट्टी देती है, लेकिन हिंदुओं के साथ अत्याचार कर रही है और हमारा मुख्य त्योहार दुर्गा पूजा में शिक्षकों के साथ ट्रेनिंग करवा रही है।
बिहार में लव जिहाद चल रहा
बिहार में लव जिहाद चल रहा मुस्लिम की जगह जिसकी बेटी गायब होती है उसी को सजा दे दी जाती है। बेगसराय में शिव मंदिर टूट गया नीतीश बाबू की न सवेंदना जगी न मंदिर बना न मंदिर के बनवाने के लिए पैसा दिया। अगर मस्जिद होती तो शायद संवेदना जग जाती और कुछ पैसा दे दिया जाता। उल्टा हिन्दुओ को नामजद किया।