पटना : रालोसपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता ई. अभिषेक झा ने बताया कि रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सी.ए.ए और एन.आर.सी के बारे में बिहार के लागों को सही जानकारी देने के लिए ‘‘समझो-समझाओ देश बचाओ यात्रा’’ आज मोतिहारी के गांधी संग्रहालय से गांधी जी को नमन कर शुरू की। इस यात्रा के क्रम में तुरकोलिया स्कूल चौक, मानिकपुर बाजार, अरेराज, मटिअरवा चौक, जगदिशपुर और अंत में बेतिया में जन सभा हुई।
श्री कुशवाहा ने जन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश और बिहार आज पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिचाई, सुनवाई और कार्यवाई की व्यवस्था न होने से जुझ रहा है और इन सब के बीच देश में सी.ए.ए और एन.आर.सी के मुद्दे को उठाकर आग लगाई जा रही है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि भारत देश के नागरिक पहले ही व्यवस्था के अभाव से जूझ रहे है। यहां के नौजवानों के लिए नौकरियो की इतनी कमी है। ऐसी परिस्थिति में दुसरे देश के लोगों को भारत की नागरिकता देकर उन्हें कहां से समुचित व्यवस्था दी जा सकती है। बाहर से आए लोगों के रहने के लिए जगह, खाने की व्यवस्था और नौकरी दे पाना यहां की सरकार से संभव ही नहीं है। इस मामले को हिन्दु, मुसलमान का मामला बताकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है लेकिन सच्चाई यही है कि इससे हर गरीब और पिछड़े की हकमारी होगी चाहे वह किसी भी जाती, ध्र्म या सम्प्रदाय का हो। सब लोग अपने हक से वंचित होंगे और उनका हिस्सा कोई और ले लेगा।
श्री कुशवाहा ने लोगों को एन.आर.सी और एन.पी.आर का मतलब समझाया। उन्होंने वर्तमान गृहमंत्राी अमित शाह के इन्टरवीयु का जिक्र किया जिसमें श्री शाह ने कहा है कि एन.आर.सी और एन.पी.आर में कोई संबंध् नहीं है। लेकिन गृह मंत्रालय के दस्तावेज हो, पूर्व में रहे जो गृह राज्य मंत्री के बयान हों, सबमें इस बातों का जिक्र है कि एन.पी.आर, एन.आर.सी की दिशा में पहला चरण है। जनगणना की वेबसाईट पर भी एन.आ.सी के कॉलम में एन.पी.आर का जिक्र है। इससे यह बात तय होती है कि एन.आर.सी और एन.पी.आर एक ही है।