बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को हंगामा हुआ जिसके बाद बढ़ते हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों आपस में एनपीआर मुद्दे पर भीड़ गए । सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गुमराह करने का आरोप लगाया।
तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और एनपीआर को देश तोड़ने वाला काला कानून बताया। उनके बयान पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा किया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि विपक्ष देश के संविधान को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है, इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस मुद्दे पर सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आमने-सामने आ गए।
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सदन के बाहर तेजस्वी ने कहा कि उनके तथा अन्य सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद वे बोल रहे थे, तभी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हंगामा करने लगे। तेजस्वी ने कहा, “सरकार ने एक ओर एनपीआर की अधिसूचना जारी कर दी है और दूसरी ओर मुख्यमंत्री कहते हैं कि एनपीआर 2010 के मुताबिक ही लागू होगा। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि जो एनपीआर लागू होगा वह 2010 के नियम से ही लागू होगा।”
वहीं मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा, “विपक्ष सिर्फ हंगामा करना जानता है, उसका जनता के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार सदन के अंदर विपक्षी पार्टियों के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।”