लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

समस्त सांसारिक सुखों को दर्शाता है शुक्र ग्रह : बाबा भागलपुर

खट्टे साम्रगी नहीं खायें, सफेद वस्त्र व श्रृंगार की साम्रगियॉ कुमारी कन्या को दान करें तथा प्रतिदिन स्नान के बाद सफेद चन्दन व कर्पूर मिलाकर तिलक करें।

भागलपुर : नवग्रहों में शुक्र का महत्व अधिक है। आकाश में सबसे तेज चमकदार ग्रह शुक्र ही है। इस संदर्भ में राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत व अखिल भारतीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पं. आर. के. चौधरी बाबा भागलपुर, भविष्यवेत्ता एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ का कहना है कि शुक्र असुरों का गुरु, श्रृंगार, भोग-विलास, गृहस्थ और समस्त सांसारिक सुखों का ग्रह है। संगीत, वाद्य तथा चलचित्र पर इनका पूर्ण प्रभाव रहता है। इनके आराध्य देव कार्तिवीर्याजुन और माता महालक्ष्मी है। पुराणों के अनुसार शुक्र दानवों का गुरु है। इनके पिता भृगुऋषि और माता काव्यमाता हैं। इनकी पत्नी का नाम सतप्रभा है। ये देवगुरू बृहस्पति की तरह ही शास्त्रों के ज्ञाता और तपस्वी है। इन्हें सुन्दरता का प्रतीक माना गया है।

ज्योतिष में असुरों के गुरु शुक्र को मुख्य रूप से पत्नी का कारक माना गया है। शुक्र- सुख, आभूषण, भौतिक सुख-सुविधाओं का प्रबल कारक ग्रह है। इससे आराम पसन्द होने, इत्र, सुन्दर वस्त्र, सुन्दरता, सजावट, नृत्य-संगीत और विलासिता आदि गुणों का निर्णय किया जाता है। शुक्र का प्रबल प्रभाव मनुष्य को रसिक बनाता है। शरीर के अंगों में यह जननांगो के कारक होते हैं। इस ग्रह पर पाप ग्रहों का कुप्रभाव मानव के वैवाहिक जीवन में समस्यायें उत्पन्न कर सकता है। जन्मकुण्डली में शुक्र पर राहु ग्रह का प्रभाव जातक को वासनाओं से भर देता है। यह शनि और बुध के मित्र ग्रह है। इनके शत्रु ग्रहों में सूर्य और चन्द्रमा है। यह जन्मकुण्डली में वृषभ और तुला राशि के स्वामी ग्रह है। तुला इनकी मूल त्रिकोण राशि भी है। यह मीन राशि में उच्च व कन्या राशि में नीच का माना जाता है। विंशोत्तरी दशा के क्रम में इनकी महादशा सबसे अधिक यानी बीस वर्षों की होती है। इनका रंग- सफेद, दिशा- दक्षिण-पूर्व। रत्न- हीरा, उपरत्न- जरकन-ओपल, धातुरू. चॉदी, देवता- कार्तिवीर्याजुनध् महालक्ष्मी जी।

शुक्र ग्रह शरीर में वायु, कफ, आंखें, जननांग, पेशाब तथा वीर्य का प्रतिनिधित्व करता है। इस ग्रह के कमजोर होने पर मानव को मधुमेह, पथरी, बेहोशी, मोतियाबिन्द तथा आंखों और उससे सम्बन्धित रोगों से परेशानी होती है। जन्मकुंडली व हस्तरेखा में शुक्र ग्रह के शुभ होने से जातक विद्वान और ज्ञानी होता है तथा समस्त सांसारिक सुखों को प्राप्त करता है। इनके कमजोर स्थिति में होने पर जातक के संस्कार भी कमजोर होते हैं और विद्या व धन प्राप्ति में बाधाओं का सामना करना पड़ता है तथा सुख-सुविधाओं की प्राप्ति में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अतरू दैत्य गुरु शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को शमन करने तथा शुभ व अनुकूल फल की प्राप्ति के लिए कुछेक प्रभावशाली उपाय करें जो निम्नांकित हैं- अगर शुक्र ग्रह हस्तरेखा व जन्मकुण्डली में शुभ हो लेकिन बलाबल में कमजोर हो तो विद्वान ज्योतिषी से परामर्शानुसार चार से पॉच रत्ती के बीच हीरा सोने की अंगुठी में मढवाकर शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को विधिपूर्वक दायें अनामिका अॅगुली में थारण करें। शुक्रवार का व्रत करें व श्रीगणेश, माता महालक्ष्मी और श्रीहरि की पूजा.अर्चना करें तथा श्रीलक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करें। खट्टे साम्रगी नहीं खायें, सफेद वस्त्र व श्रृंगार की साम्रगियॉ कुमारी कन्या को दान करें तथा प्रतिदिन स्नान के बाद सफेद चन्दन व कर्पूर मिलाकर तिलक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

19 − 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।