इन दिनों बिहार की राजनीति में काफी उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है। बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थानीय निकाय कोटे से होने वाले विधान परिषद के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को एक भी सीट नहीं मिलेगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता तारकिशोर प्रसाद ने रविवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि मंत्री मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने जा रही है।
सहनी राजग गठबंधन के सहयोगी हैं। इस लिहाज से उन्हें विधान परिषद में तो भेजा ही गया है। वैसे भी वह (श्री सहनी) विधान परिषद चुनाव में कभी साथ मिलकर लड़ नहीं हैं। प्रसाद ने कहा कि वीआईपी के साथ मिलकर हमलोग कभी भी विधान परिषद का चुनाव लड़ ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विधान परिषद भेजने में सहयोग किया गया क्योंकि श्री सहनी गठबंधन के सहयोगी हैं। उन्होंने कहा कि गत विधानसभा चुनाव में राजग ने उन्हें 11 सीटें दी थी। गठबंधन में न कभी भीख होता है और न डील। सभी लोग साथ मिलकर काम करते हैं।
उपमुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा कोर कमेटी की बैठक होती रहती है। भाजपा सत्ता पक्ष का सबसे बड़ दल है। कोर कमेटी की बैठक में मंथन किया गया है कि सरकार और बेहतर ढंग से कैसे कार्य करें, विकसित बिहार कैसे बने इस पर चर्चा की गई।
उल्लेखनीय है कि श्री सहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में रजग के साथ चुनाव लड़ थी। सीट बंटवारे में भाजपा ने वीआईपी को 11 सीटें दी थी। श्री सहनी भी विधानसभा का चुनाव लड़ लेकिन उनकी करारी हार हो गई थी। इसके बाद भाजपा कोटे से उन्हें विधान परिषद भेजा गया। अब वीआईपी ने स्थानीय निकाय की 24 सीटों के लिए होने वाले विधान परिषद के चुनाव में अपनी हिस्सेदारी की मांग कर दी है। हालांकि भाजपा ने श्री सहनी की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।