पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दरभंगा जिला के बिरौल में सहरसा जिलान्तर्गत बलुआहा से गंडौल के बीच कोसी नदी पर 404 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से उच्चस्तरीय आर0सी0सी0 पुल के पहुंच पथ का गंडौल से बिरौल (हॉटी-कोठी) दरभंगा तक विस्तारीकरण का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया। इस अवसर पर पंचायत सरकार भवन बिरौल एवं लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम तथा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत पंचायत सुविधा केंद्र का उद्घाटन कर मुख्यमंत्री ने इसका निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने पंचायत सुविधा केंद्र में बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी का कैलेंडर, हैंड कैलेंडर तथा टेबल कैलेंडर का विमोचन किया, जिसमें लोक सेवाओं का अधिकार कानून एवं लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून की पूरी जानकारी उल्लेखित है। इस कैलेंडर को लोगों के बीच वितरित किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इन दोनों अधिकार कानूनों के तहत मिलने वाली सेवाओं का लाभ उठा सकें। मुख्यमंत्री के स्वागत में स्कूली बच्चों ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। पंचायत सरकार भवन बिरौल के प्रवेश द्वार पर स्थायी रूप से लिखे गए गॉधी जी द्वारा बताये गये सात सामाजिक पापों का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। पंचायत सरकार भवन प्रांगण में मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण भी किया। मुख्यमंत्री ने यहॉ मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के लाभुकों को चाबी प्रदान की।
जनसभा को लेकर बने मंच पर नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को मखाने की माला, पाग, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया। परियोजना से संबंधित वृत्तचित्र मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री ने जनसभा में प्रतीक स्वरूप किसानों के लिए अलग कृषि फीडर के माध्यम से दी जाने वाली बिजली का संबद्धता प्रमाण पत्र और पंचायत सरकार भवनों में तकनीकी सहायक एवं लेखापाल के पद पर नियुक्त किये गए लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इसके अलावा स्टुडेंड क्रेडिट कार्ड योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभुकों को चेक प्रदान किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे इस बात की काफी प्रसन्नता है कि सहरसा जिलान्तर्गत बलुआहा से गंडौल के बीच कोसी नदी पर 404 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से उच्चस्तरीय आर0सी0सी0 पुल सह पथ परियोजना का उद्घाटन हुआ है, जिसका बहुत पहले ही निर्णय लिया गया था। इससे सहरसा और दरभंगा के बीच दूरी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में ही कोसी और मिथिलांचल को जोड़ने की योजना पर काम शुरू हुआ था। इस क्रम में कमला नदी पर पुल और पहुँच पथ बना। बलुआहा में 531 करोड़ रुपये की लागत से पुल और 404 करोड़ 45 लाख रुपये की लागत से 10 मीटर चौड़ाई वाले 12.67 किलोमीटर लंबे पथ का निर्माण कराया गया, जिसमें 2 बड़े तथा 11 छोटे पुल शामिल हैं। इसके लिए 93 करोड़ 85 लाख रुपये भू-अर्जन पर खर्च किये गये, इस प्रकार कुल 950 करोड़ रुपये की लागत से पुल और पहुंच पथों का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि अब दरभंगा से सहरसा जाने के लिए मात्र 42 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। वर्ष 2009 से हमलोग इस काम में लगे हुए थे जो आज पूरा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से 13 योजनाओं का उद्घाटन और 23 योजनाओं का शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि कुशेश्वर स्थान से फुलतोरा घाट के बीच 391 करोड़ रुपये की लागत से सड़क और 7 बड़े पुलों का निर्माण होना है, जिसका आज शिलान्यास करवाया गया। इसका काम पूरा होने के बाद कुशेश्वर स्थान से खगड़िया के बीच 80 किलोमीटर का फासला कम होगा। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा यकीन है और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने लिखित तौर पर भी आश्वस्त किया है कि दो साल के अंदर यह काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार अपने संसाधनों से 1126 करोड़ रुपये की लागत से रसियासाड़ी से बरुना ब्रिज तक 7 मीटर चौड़े स्टेट हाईवे का निर्माण कराने जा रही है। इस परियोजना के पूरा होने पर बरुना ब्रिज से हाजीपुर होते हुए लोग पटना आसानी से पहुंच सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में जब हमें बिहार के लोगों ने मौका दिया, उसके बाद हमने बिहार के सुदूर इलाके से 6 घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य पर काम शुरू किया। इसके लिए पूरे बिहार में अनेक पुल-पुलियों और सड़कों का निर्माण कराया गया। लक्ष्य हासिल कर लेने के बाद अब बिहार के सुदूरवर्ती इलाके से पटना पहुंचने के लिए 5 घंटे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज जिस पहुंच पथ का उद्घाटन हुआ है, वह तटबंध से 6 मीटर ऊंचा है इसलिए इसके दोनों तरफ सड़क और जन सुरक्षा के दृष्टिकोण से लोहे का बैरियर लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि मेरा कॉन्सेप्ट रहा है कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार है, उसी प्रकार से राज्य सरकार के बाद पंचायत सरकार भी हो ताकि गांधी जी के विकेंद्रीकरण का सपना पूरा हो सके। इसी के तहत पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। पहले राजस्व कर्मचारी को खोजना पड़ता था, अब उनके बैठने की जगह निर्धारित कर दी गयी है। इसके साथ ही पंचायत सरकार भवन से आय, आवासीय, जाति प्रमाण पत्र जैसी 52 सेवाओं का लाभ भी लोगों को मिलेगा, जिसके लिए उन्हें प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता था। लोक सेवाओं का अधिकार कानून के तहत मिलने वाली सेवाओं से संबंधित आवेदन अब पंचायत सरकार भवन से ही ऑनलाइन हस्तांतरित करने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के लिए ऑनलाइन आवेदन भी अब पंचायत सरकार भवन से कर सकते हैं, जिसकी पावती रसीद आवेदकों को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत हर पंचायत में 5 वाहन खरीदने के लिए प्रति वाहन 50 प्रतिशत या अधिकत्तम एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें 3 अनुसूचित जाति/जनजाति और 2 अतिपिछड़ा वर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, हर घर तक पक्की गली और नाली निर्माण की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमलोगों ने इस साल के 31 दिसंबर तक हर इच्छुक परिवार तक बिजली का कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था जो ऊर्जा विभाग की सक्रियता के कारण 25 अक्टूबर को ही पूरा कर लिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार में बिजली आने से भूत भी भाग गया और लालटेन भी खत्म हो गया। पहले लोग ढिबरी और लालटेन पर काम चलाते थे और अंधेरे में घर से बाहर निकलने से रोकने के लिए अपने बच्चों को भूत का भय दिखाते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब 31 दिसंबर 2019 तक हर इच्छुक किसान को सिंचाई के लिए बने कृषि फीडर से बिजली मुहैया कराने के साथ ही बिजली के जर्जर तारों को बदलने का लक्ष्य हमलोगों ने निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के साथ विकास में हमारा यकीन है और विकास के साथ-साथ हम समाज सुधार का भी काम करते हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से लोगों को काफी फायदा हुआ है इसलिए पूरी सजगता के साथ निरंतर अभियान चलना चाहिए। शराब का चोरी छिपे सेवन करने वाले या इसके अवैध धंधे में लगे लोगों की शिकायत आप अपने मोबाइल के जरिये बिजली के खम्भों पर लिखे गए नम्बर पर दे सकते हैं। सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। साथ ही कार्रवाई के संबंध में भी शिकायतकर्ता का फीडबैक लिया जाएगा। जनसभा में मौजूद लोगों को संकल्प दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे जरूरी है बच्चों को पढ़ाना इसलिए अपने बच्चों को अवश्य पढ़ाइये और इंटरमीडिएट से आगे की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले 4 लाख रुपये के ऋण का जरूरत पड़ने पर लाभ भी लीजिये। उन्होंने कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद अगर रोजगार नहीं मिलता है तो वैसी स्थिति में ऋण माफ करने पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुपौल बोराव पथ निर्माण का काम ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने एवं हॉटी-सपहा-पिपरा घाट पथ निर्माण का काम ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किये जाने के संदर्भ में प्राप्त आग्रह को स्वीकार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने जनसभा में शामिल लोगों को नववर्ष की शुभकामनायें दीं।
कार्यक्रम के पष्चात मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से बिरौल से सहरसा तक का सफर तय किया और सड़क का निरीक्षण भी किया। जनसभा को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, बिहार राज्य योजना पर्षद के सदस्य संजय झा, विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह एवं बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष जितेंद्र श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधायक संजय सरावगी, विधायक जीवेश मिश्रा, विधायक अमरनाथ गामी, विधायक रत्नेश सदा, विधायक शशिभूषण हजारी, विधान पार्षद दिलीप सहनी, विधान पार्षद अर्जुन सहनी, जदयू जिलाध्यक्ष सुनील भारती, भाजपा जिलाध्यक्ष हरि सहनी, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, बिहार प्रषासनिक सुधार मिषन सोसाइटी की अपर मिषन निदेषक श्रीमती प्रतिमा वर्मा, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक श्री उमेश कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारीगण, जीविका दीदियां, पथ निर्माण विभाग एवं बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अभियंतागण एवं आमलोग उपस्थित थे।