बिहार में गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी सभी वर्गों में सियासी पैठ बढ़ाने के लिए समीकरण तैयार कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा हैं की दशहरे के बाद बिहार बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल सकता हैं। लेकिन इसको लेकर अभी तक किसी कद्दावर नेता का नाम सामने नहीं आया हैं। बीजेपी नये अध्यक्ष के सहारे जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश करेंगी। दरअसल बिहार राजनीति में जातिगत राजनीति ज्यादा हावी हैं। इसी कारण हाईकमान जल्द ही संजय जायसवाल की जगह किसी अन्य व्यक्ति को प्रदेशअध्यक्ष बना सकती हैं। बिहार में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में करीब 35-40 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा हैं। जो जातिगत समीकरण बैठायें बिना पूरा नहीं हो सकता हैं।
अमित शाह की मीटींग में हुई बड़े बदलाव पर सहमति
गठबंधन टूटने के बाद दिल्ली में बीजेपी हाईकमान ने बिहार के कद्दावर नेताओं के साथ मीटींग की थी, जिसमें पीएम मोदी को छोड़कर समस्त बीजेपी हाईकमान मौजूद था। पार्टी ने बिहार में विधानसभा चुनाव में अपनी बहुमत के साथ सरकार बनानी चाहती हैं , अभी तक वह नीतिश कुमार के साथ सियासत में छोटे भाई की भूमिका निभा रही थी। बीजेपी का मानना हैं की अगर वह इस सरकार के जातिगत समीकरणों को तोड़कर लोकसभा में कामयाब हो जाती हैं, तो बीजेपी सुनिश्चित तौर पर विधानसभा चुनाव जीत जाएंगी। इसके लिए भाजपा नेताओं ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन करने के लिए हामी भरी थी।
कौन होगा नया प्रदेश अध्यक्ष ?
बिहार में बीजेपी अगला अध्यक्ष बनाने के लिए ऐसी व्यक्ति की तलाश कर रही हैं, जो समीकरण को साधने में मजबूत हो, लेकिन इसके लिए अभी तक पार्टी में कोई गहमागहमी भी नहीं दिखाई पड़ रही हैं। बताया हैं कि विधायकों में से ही किसी एक व्यक्ति को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती हैं, लेकिन बिहार के कद्दावर नेता मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद, अररिया से सांसद प्रदीप सिंह, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद चंद्रवंशी, पूर्व मंत्री जनकराम और संजय पासवान का नाम भी चर्चा में हैं।इसके अलावा पटना के दीघा से विधायक का नाम भी जोरशोर के साथ उठ रहा हैं ।