पटना, (पंजाब केसरी): राजधानी पटना के अदम्य अदिति गुरुकुल कोचिंग के संस्थापक गुरु रहमान एवं कुछ चुनिंदा कोचिंग संस्थानों के ठिकानों पर आयकर छापेमारी को लेकर बिहार प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने आयकर विभाग के निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर गुरु रहमान ने अग्निपथ नियुक्ति योजना के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्रों को भड़काने का काम किया था,तो यह पुलिस के जांच के दायरे का मामला बनता था। मगर आनन-फानन में सरकार के दबाव में इनकम टैक्स विभाग के द्वारा अदम्य अदिति गुरुकुल कोचिंग संस्थान एवं कुछ चुनिंदा कोचिंग संस्थानों के ऊपर छापामारी की जा रही है।उन्होंने कहा कि आयकर विभाग को यह बताना चाहिए कि बिहार में अब तक कितने कोचिंग संस्थानों के खिलाफ आयकर कानून के तहत कार्रवाई की गई है।
बिहार में आयकर विभाग के निष्पक्षता संदेह के घेरे में:राजेश राठौड़
उन्होंने कहा कि राज्य के कई कोचिंग संचालक भाजपा तथा जदयू से जुड़े हुए हैं।मगर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की आयकर विभाग को हिम्मत नहीं है।उन्होंने कहा कि कई कोचिंग संचालक भाजपा-जदयू से न सिर्फ जुड़े हुए हैं।बल्कि उनकी पार्टी के संगठन में पदाधिकारी भी हैं।क्या आयकर विभाग द्वारा ऐसे कोचिंग संस्थान के संचालकों के खिलाफ भी कभी जांच बैठाई गई है।
केंद्र के इशारे पर छात्रों का आवाज दबा रही है इनकम टैक्स:राजेश राठौड़
उन्होंने कहा कि गुरु रहमान के खिलाफ अगर छात्रों को भड़काने का आरोप है,तो इसकी जांच पुलिस के द्वारा की जानी चाहिए।मगर वर्तमान दौर में केंद्र की मोदी सरकार का तोता बन चुके आयकर विभाग के द्वारा अचानक से चिन्हित कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई आरंभ की गई है,जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि आयकर विभाग बिहार में अवैध रूप से धन अर्जित करने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई को प्राथमिकता ना देकर केंद्र सरकार की योजना के खिलाफ आवाज उठाने वाले संचालकों का आवाज दबाने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग को सार्वजनिक करना चाहिए कि बिहार में अब तक कितने कोचिंग संस्थानों के खिलाफ आयकर कानून के तहत जांच की गई तथा कार्रवाई की गई।