पटना : इंटक अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश ङ्क्षसह ने मजदूरों के दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन कर कहा कि महीनों पहले से आशा-आंगनबाड़ी, सेविका-सहायिकाओं की राज्यव्यापी हड़ताल चल रही है और कल (7 जनवरी) से विद्यालय रसोईयों की हड़ताल शुरू हो रही है। हम उनके साहसपूर्ण आंदोलन का सक्रीय समर्थन करते हुए अपने देशव्यापी आंदोलन का एक हिस्सा के रूप में ही देखते हैं। आशाओं के आंदोलन ने एक तरफ नीतीश सरकार के महिला सशक्तिकरण के जुमले का पर्दाफाश किया है तो दूसरी ओर बिहार सरकार की हठधर्मिता को चोट देकर वात्र्ता के लिए विवश किया है।
उन्होंने कहा कि महिला कर्मियों के उक्त आंदोलन और मजदूरों, सेवा क्षेत्र कर्मियों के राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का समर्थन करते हुए बिहार में सभी वामदलों द्वारा 9 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया गया है। हम सभी वाम दलों को इस समर्थन और सक्रीय भागीदारी के लिए बधाई देते हैं और इसके लिए एहसानमंद हैं, क्योंकि देश की एक नई परिस्थिति में वाम दलों द्वारा मजदूर आंदोलन को समर्थन सहयोग के जरिय उसे राजनीतिक आंदोलन के स्तर पर ऊंचा उठा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में 12 सूत्री मांगों पर यह हड़ताल उपर्युक्त जनविरोधी-राष्ट्रविरोधी-लोकतंत्र विरोधी तथा देश के विकास विरोधी सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रहार के जरिये देश को नया मार्ग प्रदर्शित करेगा। इस अवसर पर सीपीएम के गणेश शंकर सिंह समेत सीटू, एक्टू के नेता उपस्थित थे।