बिहार का जाना-माना राजनीतिक परिवार मतलब, लालू प्रसाद यादव के कुनबे को बिहार में कौन नहीं जानता होगा। ऐसे में यादव परिवार इन दिनों अंदरूनी लड़ाई के दौर से गुजर रहा है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के तेवर पिछले कुछ महीनों से बदले-बदले से है और वह अपने ही परिवार को तीरछी आंखे दिखा रहे है। ऐसे माहौल में तेज प्रताप यादव आज से जनशक्ति यात्रा की शुरूआत कर रहे हैं।
नीतीश कुमार और आरजेडी का दोबारा गठबंधन होगा या नहीं
इस दौरान तेज प्रताप यादव ने एक ऐसा बयान दिया, जिससे बिहार की सियासत गरमा गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी का दोबारा गठबंधन होगा या नहीं, यह आरजेडी प्रमुख लालू यादव तय करेंगे। तेज प्रताप यादव ने अपनी जन शक्ति यात्रा के बारे में भी बताया। माना जा रहा है कि यात्रा के जरिये वह अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
आज से शुरू कर रहे जनशक्ति यात्रा
आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव ने कहा कि आज मजदूर दिवस है। आज से वह जनशक्ति यात्रा शुरू कर रहे हैं, जिसके तहत वह बिहार के हर जिले में जाएंगे। अपने जनशक्ति परिषद के बैनर तले इस यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि मुझे किसानों, मजदूरों से जुड़ना है।
उनकी समस्याओं को समझकर उसको दूर करेंगे। बता दें इस यात्रा के दौरान वह किसानों के साथ सत्तू खाएंगे व दलित बस्तियों का भी दौरा करेंगे। जन शक्ति यात्रा के जरिये वह अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। राजद में अनदेखी से नाराज रहते हैं।
जल्द ठीक होकर एम्स से डिस्चार्ज होंगे लालू
तेज प्रताप ने आगे कहा कि नीतीश व तेजस्वी फिर साथ आएंगे या नहीं. जदयू-राजद का गठबंधन होगा या नहीं, इसका निर्णय लालू प्रसाद यादव करेंगे। चारा घोटाला मामले में उन्हें जमानत मिल गई है। फिलहाल वह दिल्ली एम्स में हैं, अस्वस्थ हैं। जल्द ठीक होकर एम्स से डिस्चार्ज होंगे। तेज प्रताप ने कहा, नीतीश कुमार को बीजेपी लगातार परेशान कर रही है। राजनीति में कोई भी दल कभी भी किसी के साथ आ सकते हैं। मैंने नीतीश के लिये एक बार नो एंट्री लिखा अब एंट्री नीतीश चाचा लिखा हूं।
परेशानी का सबब बनेंगे तेज
गौरतलब है कि अपने बदलते स्वभाव के लिए मशहूर तेज प्रताप ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले एक समानांतर संगठन बनाया था, जब उनके कुछ साथियों को राजद ने टिकट देने से इंकार किया था। हालांकि, वह विभाजन की अटकलों को झुठलाते हुए पार्टी के साथ बने रहे। पिछले साल उन्होंने अपने एक करीबी सहयोगी को राजद के छात्र संगठन से बर्खास्त किए जाने के बाद फिर से छात्र जनशक्ति परिषद का गठन किया। तेज प्रताप ने हाल ही में नीतीश कुमार के साथ “निजी बात” करने का भी दावा किया था और बिहार की राजनीति में एक बड़ा “खेला” (खेल) का दावा किया था, वहीं राजद ने उनके दावे से दूरी बना ली थी।