दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस के बाद देश के कई हिस्सों से इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं। नया मामला बिहार के भागलपुर से सामने आया है, जहां बाजार से लौट रही महिला की धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई। वहीं पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक, पीरपैंती थाना क्षेत्र के सिंघिया पुल के पास शनिवार देर शाम नीलम देवी अपने पुत्र के साथ घर जा रही थी, तभी पहले से घात लगाए बदमाश ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले से महिला अचानक गिर गई और उसके बाद उसके हाथ, पैर काट डाले। मृतक के पति का आरोप है कि उसके स्तन तक पर वार किया गया।
भागलपुर के पुलिस अधीक्षक बाबूराम ने सोमवार को बताया कि इस मामले में मृतक के परिजनों द्वारा दो लोगों को आरोपी बनाया गया था और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इधर, मृतका के पति अशोक यादव का कहना है आरोपी शकील मियां उसके घर आता था, लेकिन वह गलत आदमी था, जिस कारण उसे बाद में घर आने से मना कर दिया था।
हत्या को लेकर बिहार सरकार पर भड़की बीजेपी
वहीं, राज्य में सरेआम हुई इस घटना पर बीजेपी भड़क गई है। बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश सरकार दोषी को संरक्षण देने की बजाय फांसी दें। बिहार सरकार इस सांप्रदायिक घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर पीड़िता के परिवार को एक करोड़ मुआवजा दे।
आनंद ने इस घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक मुस्लिम शख्स द्वारा ओबीसी यादव समुदाय की यह अपराध की सामान्य घटना है या साम्प्रदायिक उन्माद? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इसका जवाब जरूर देना चाहिए।
निखिल आनंद ने भागलपुर कि इस नृशंस घटना के दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी करने, स्पीडी ट्रायल कर फांसी की सजा देने की मांग की। साथ ही कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार इस जघन्य सांप्रदायिक घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पीड़िता को एक करोड़ मुआवजा अविलंब दें।