मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्णिया जिले के धमदाहा प्रखंड स्थित गंगा प्रसाद उत्क्रमित उच्च विद्यालय दमगाड़ा में जीविका (ग्रामीण विकास विभाग) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुये। सामुदायिक संगठन- ‘महिला उद्यमशीलता वटवृक्ष के अंतर्गत मुख्यमंत्री का सामुदायिक संगठनों के साथ संवाद’ कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत अरण्यक एग्री प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड से जुड़ी जीविका दीदियों से सीधा संवाद किया।
कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर जीविका दीदी श्रीमती किरण देवी ने वर्ष 2009 में शुरू हुई अरण्यक एग्री प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के अब तक के सफर के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत रूप से अवगत कराया। अर्पण महिला संकुल संघ से जुड़ी श्रीमती मधु देवी ने भी संकुल संघ की एक्टिविटी के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी। संवाद कार्यक्रम को लेकर बने मंच पर जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ एवं अंगवस्त्र भेंटकर उनका अभिनंदन किया। संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने वहां उपस्थित लोगों का अभिनंदन कर सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार बिहार के लोगों ने जब काम करने का मुझे मौका दिया तो वर्ष 2006 में हमने स्वयं सहायता समूह के विषय में पूरी जानकारी ली। उस समय मुजफ्फरपुर जिले में एक ही दिन दो अलग-अलग जगहों पर हमने जीविका दीदियों से बात की। पहले स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी और यह उतना प्रभावी भी नहीं था और बहुत कम संख्या में महिलाएं इससे जुड़ी थीं। उसी समय हमने स्वयं सहायता समूहों को प्रभावी बनाने के साथ-साथ इससे अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने का निर्णय लिया और इसके लिए विश्व बैंक से कर्ज लिया गया। उसके बाद हमलोगों ने इसका नामकरण जीविका समूह किया।
हमने 10 लाख जीविका समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिनकी संख्या अब 10 लाख से भी ज्यादा हो गई है। जीविका समूहों से 1 करोड़ 20 लाख महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित था, आज 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाएं जीविका समूहों से जुड़कर काम कर रही हैं। जीविका दीदियों को बैंकिंग प्रणाली के विषय में जितनी जानकारी प्राप्त है, उतना पढ़े लिखे लोगों को भी जानकारी नहीं है। जीविका समूहों के कारण ही महिलाएं काफी जागृत और प्रेरित हो रही हैं। यहां एग्रो प्रोड्यूसर ग्रुप द्वारा बहुत अच्छा काम हो रहा है। बड़े पैमाने पर मक्के की खेती हो रही है, इसका लोगों को लाभ मिल रहा है।
हमारा लक्ष्य जीविका समूहों के कार्यों को और अधिक विस्तारित करना है, सिर्फ संख्या बढ़ाना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति में जो सुधार आया है उसमें महिलाओं की महती भूमिका है। स्वयं सहायता समूह के मामले में बिहार दूसरे राज्यों से काफी पीछे था लेकिन आज स्थिति यह है कि यहां के जीविका समूह के पैटर्न को अपनाते हुए केंद्र ने पूरे देश में आजीविका कार्यक्रम लागू किया। हम चाहते हैं कि यह और बेहतर हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन के कारण जितने लोग बिहार आए हैं, हम चाहते हैं कि उन्हें यहीं रोजगार का अवसर प्राप्त हो। मजबूरी में किसी को बाहर नहीं जाना पड़े।
लॉकडाउन के दौरान बिहार वापस आये लोगों द्वारा पश्चिम चंपारण में अन्य चीजों के अलावा कपड़ा उद्योग के क्षेत्र में काफी अच्छा काम शुरु हुआ है। हमलोगों ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए पोशाक और साइकिल योजना शुरु किया है। पहले बाहर से कपड़ा आता था, हमने कहा कि स्कूली बच्चों के पोशाक हेतु जीविका समूहों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पोशाक उपलब्ध हो ताकि राज्य का पैसा बाहर जाने से बच सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में इलाज के लिए जो लोग जाते हैं, उन्हें भोजन उपलब्ध कराने के लिए जीविका समूहों द्वारा यहाॅ दीदी की रसोई शुरु की गयी है। इसी तर्ज पर पूरे बिहार में यह व्यवस्था सुनिश्चित हो। भोजन के अलावा सरकारी अस्पतालों में जीविका समूहों द्वारा बेडशीट की उपलब्धता सुनिश्चित हो। इसके लिए जीविका समूहों को राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी। हमलोगों ने पंचायती राज एवं नगर निकाय के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया है, इससे महिलाओं में काफी जागृति आयी है। बिहार के सरकारी स्कूलों में पहले 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी लेकिन साइकिल योजना शुरु करने का परिणाम है कि पिछले वर्ष …