पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब 2005 में बिहार का गद्दी संभाला। उनके आने के बाद पंचायत, वार्ड, सिपाही, सरकारी नौकरियों में भी 50 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी। वहीं बजट सत्र में विधानसभा के सभी 28 महिला विधायकों ने पोर्टिको के बाहर आरक्षण दो आरक्षण दो का मामला उठाया। सभी महिला विधायकों ने एक स्वर में कहा कि केन्द्र में लोकसभा और बिहार के विधानसभा में महलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए। जब तक महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलेगा जनता की अदालत लोकसभा एवं विधानसभा में आरक्षण नहीं होगा तब तक अंतिम पायदान में रहने वाली महिलाओं तक विकास की किरण नहीं पहुंच पायेगी।
आरक्षण मांगने वालों में रामनगर श्रीमती भागीरथी देवी, बाजोपट्टी से डा. रंजू गीता, रून्नी सैदपुर से श्रीमती मंगीता देवी, कटोरिया से श्रीमती स्वीटी सीमा हेम्ब्रम, मसौढ़ी से रेखा देवी, दानापुर से आशा देवी, बेनीपट्टी से भावना झा, बेलसंड से सुनीता सिंह चौहान, फुलपरास से गुलजार देवी, त्रिवेदीगंज से वीणा भारती, रूपौली विधायक सह मंत्री से बीमा भारती, धमदाहा से लेसी सिंह, बोचहा से बेबी कुमारी, पातेपुर से प्रेमा चौधरी, मोहिउद्दीननगर से एज्या यादव, चेरिया बरियारपुर से कुमारी मंजू वर्मा, बेगूसराय से अमिता भूषण, खगडिय़ा से पूनम देवी यादव, विहपुर से बर्षा रानी, भभुआ से रिंकी रानी पांडे, नोखा से अनीता देवी, बाराचट्टी से समता देवी, चकाई से साबित्री देवी, गोविन्दपुर से पूर्णिमा यादव एवं बारिसलिगंज से अरूणा देवी शामिल रही।
बिहार विधानसभा में 243 सीट है जिसमें सशक्त महिलाएं 28 सीट जीतकर आयी है और 213 पुरूष जीतकर आते हैं। डा. रंजू गीता ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से भी मिल चुकी हॅू उन्होंने आश्वासन दिया है। इस बार आशाहै कि बिहार सरकार महिलाओं पर उपकार करेंगे और महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित रखेंगे।