पटना : सबसे पहले तो बीते 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में वीर गति को प्राप्त हमारे शहीद जवानों का बदला हमारे देश के वायु सेना के जवानों ने पाकिस्तानियों के घर में घुसकर 40 के बदले 400 खून से लिया, इसके लिए हम अपनी पार्टी के तरफ से देश के पराक्रमी वायु सेना को सलाम करते हुए अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को दिल की गहराईयों से धन्यबाद करते हैं। उक्त बातें जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. सुहेली मेहता ने प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि आगामी 3 मार्च को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाली एनडीए की संकल्प रैली को लेकर है। इसमें कोई शक नहीं है कि रैली ऐतिहासिक होगी।
रैली की सारी तैयारियां हमारी पार्टी के तरफ से पूरी कर ली गयी हैं। संकल्प रैली के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में केंद्र एवं बिहार सरकार के द्वारा गरीबों, किसानों, मजदूरों, वंचितों, शोषितों, युवाओं एवं महिलाओं के लिए किये गए कल्याणकारी कार्यों के बारे में बिहार की जनता से प्रत्यक्ष रूप से रूबरू होकर स्वयं प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी चर्चा करेंगे एवं उन्हें जागरूक करेंगे, ताकि बिहार की जनता इन लोक कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ ले सके।
उन्होंने कहा कि बिहार के सभी जिलों से पार्टी के साथियों के माध्यम से खबर मिल रही है कि महिलायें भी भारी संख्या में ऐतिहासिक संकल्प रैली में भाग लेने आ रही हैं, फिर भी हम उन महिलाओं से भी अपील करते हैं कि अगर आने में थोड़ी-बहुत परेशानी भी है और नहीं आने का सोच रही हैं तो भी आधी आबादी को महत्वाकांक्षा का पंख देनेवाले इन दोनों आदरणीय नेताओं से रूबरू होने को अवश्य आयें। आप सबने देखा होगा कि लगभग 15 साल पहले महिलायें किसी राजनितिक कार्यक्रम या रैली में बहुत कम संख्या में भाग लेती थीं।
बिहार राज्य जदयू पंचायती प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्वेता विश्वास ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायतों एवं नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर राजनितिक रूप से महिलाओं को जागरूक किया, जो बिहार में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ, जिसके कारण आज बिहार की महिलायें हर क्षेत्र में फ्रंट लाइनर बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आधी आबादी की पीड़ा को पूरी तरह समझा है। जब पढ़ाई के लिए स्कूल जाने में दिक्कत हुई तो बेटियों के लिए साइकिल की व्यवस्था की। गरीबी या माता पिता के द्वारा बेटियों की शिक्षा के प्रति उदासीनता के कारण केजी से पीजी तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की।
साथ ही बेटियों के सुरक्षित जन्म से लेकर स्नातक तक की शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कन्या उत्थान योजना के माध्यम से 54100 रुपये की राशि का इंतजाम राज्य की प्रत्येक बेटी के लिए किया। इतना ही नहीं जिन्हें तकनीकी शिक्षा या बिहार से बाहर पढऩे की इक्षा हो। लेकिन पैसे का अभाव हो तो ऐसी बेटियों के लिए बिहार सरकार ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था कर उनके महत्वाकांक्षा को नई उड़ान देने के लिए पंख भी लगाया। प्रदेश प्रवक्ता अंजूम आरा महिलाओं के आर्थिक बल के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया, जिसे हम जीविका के नाम से जानते हैं, 8 लाख से भी ज्यादा ग्रामीण महिलायें आज इसकी बदौलत आत्मनिर्भर हुई हैं।
साथ ही बिहार सरकार की सभी नौकरियों में 35 प्रतिशत बेटियों के लिए आरक्षण उन्हें सशक्त करने का बहुत बड़ा हथियार है। जिन महिलाओं या बेटियों के पास नौकरी के लायक डिग्री नहीं है, उन्हें 7 निश्चय के श्युवा कौशल योजनाश् के तहत कम्प्यूटर, कम्युनिकेशन एण्ड स्पोकेन इंग्लिस की 90 दिन की नि:शुल्क ट्रेनिंग बिहार के हर प्रखंड में बिहार सरकार की ओर से दी जाती है, जो इन्हें किसी भी तरह की नौकरी या कारोबार को शुरू करने में बहुत सहायक है।
हजारों बेटियां और महिलायें इस ट्रेनिंग को पूरा कर विभिन्न संस्थानों में नौकरी पा चुकी हैं। विशेष बात यह है कि जब भी महिलाओं का हुजूम मुख्यमंत्री जी से रूबरू हुआ है और मौका मिलने पर अपनी बातों को रखा है, मुख्यमंत्री जी ने महिलाओं की भावना को समझा है और कई अप्रत्याशित एवं साहसी निर्णय लिए हैं। बिहार में शराबबंदी का निर्णय और दहेज़ प्रथा एवं बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ बिगुल महिलाओं की आवाज पर ही संभव हुआ। इसलिए आप सभी से हमारी अपील है कि 3 मार्च को होने वाली ऐतिहासिक संकल्प रैली में अवश्य आयें और दोनों नेताओं के साथ संकल्प लें अपने देश की सुरक्षा का, संकल्प लें बिहार के विकास का, संकल्प लें समाज से सभी तरह की कुरीतियों को जड़ से समाप्त करने का।