पटना, (पंजाब केसरी) : बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता श्री सदानंद सिंह ने कहा कि लॉकडाउन में देश के मजदूर, किसान और मध्यम वर्ग पिस रहे हैं। केन्द्र सरकार को उनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिये।
श्री सिंह ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बिहार के लोग काम करने के लिये गये हुये हैं। एक अनुमान के अनुसार यह संख्या 35 लाख के आसपास है। लेकिन लॉकडाउन में वे सभी बाहर ही फँसे हुये हैं। केन्द्र ने लोगों की वापसी के लिये गाइडलाईन तो बनाया। परन्तु बिहारी मजदूरों, विद्यार्थियों और कामगारों को उनके राज्य में भेजने की कोई व्यवस्था और मुकम्मल नीति नहीं बनाई। इसलिये लोगों में ऊहापोह की स्थिति बरकरार है। जिसे शीघ्र दूर कर उन्हें बिहार भेजा जाना चाहिये।
श्री सिंह ने कहा कि लॉकडाउन में कोई आर्थिक गतिविधि नहीं होने की वजह से छोटे व्यवसायी, उद्यमी (MSME) और मध्यम वर्ग के लोग सर्वाधिक मुसीबतों को झेल रहे हैं। बिना धन उपार्जन का उनका बुरा हाल है। वे बिजली बिल, मकान किराया, बैंक ऋण किस्त, सरकारी टैक्स, बच्चों का स्कूल फी आदि चुकता करने में असमर्थ हैं। ऐसे में सरकार को इस वर्ग के हितार्थ बिजली बिल, किराया, ऋण, टैक्स, स्कूल फी आदि माफ करने के लिये विचार करना चाहिये।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के किसानों की स्थिति भी सोचनीय है। उनके रबी फसल की उपज ठीक नहीं रही। धान का उत्पादन भी संतोषजनक नहीं था। धान की सरकारी खरीद दोषपूर्ण रही। उन्हें डीजल, खाद, बीज सब्सिडी का भुगतान भी समय से नहीं हुआ। फसल नुकसान का मुआवजा और बीमा का भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सरकार को किसानों के प्रति अपनी जवाबदेही का परिचय देते हुये उनकी समस्याओं को दूर किया जाना चाहिये।
केन्द्र व प्रदेश सरकारों को मजदूर, किसान और मध्यम वर्ग के पेट की समस्या का समाधान शीघ्र करना चाहिये।