पटना, (पंजाब केसरी) : कर्नाटक के यदुरप्पा सरकार ने रेल मंत्रालय से मिल कर प्रवासी मजदूरों वाली स्पेशल श्रमिक ट्रेन को रद्द करवाकर प्रवासी श्रमिकों के दिल पर गहरा चोट पहुंचाया है ये बाते कांग्रेस कमिटी के संगठन प्रभारी ब्रजेश कुमार पाण्डेय एवं कांग्रेस नेता ललन कुमार ऐतराज जताते हुए कहीं।
नेताद्वय ने कहा कि कोरोना वायरस के भय एवं भुखमरी के शिकार हो गए थे । वे सकुशल प्रवासी मजदूर अपना घर लौटना चाहते थे लेकिन भाजपा के यदुरप्पा सरकार एवं बिल्डर्स एसोसिशन ने मिल कर ट्रेन रद्द करवा दी। ऐसे महामारी के समय मजदूरों के साथ दोहरा चरित्र उजागर हो गया है । देश अब डंडा के बल चलेगी । प्रवासी श्रमिक किसी के बन्धुआ मजदूर नहीं है ऐसे मे राज्य के नीतीश सरकार वहां के सरकार से मिल कर श्रमिकों हित मे करगर कदम उठये । वहां की सरकार एवं बिल्डर्स मजबूरी का फायदा उठा कर बन्धुआ मजदूर न बनाये।
नेताद्वय ने नीतीश कुमार और सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों महारथी अब चुप क्यों हैं? कर्नाटक की भाजपा सरकार के इस अमानवीय कदम के खिलाफ इनके मुंह क्यों नहीं खुल रहे? यह प्रवासी मजदूरों के साथ घोर अन्याय है। भाजपा और जदयू न केवल मजदूर विरोधी हैं, बल्कि बिहार विरोधी भी हैं। गुजरात, कर्नाटक आदि अधिकांश भाजपा शासित राज्य सरकारें बिहारी मजदूरों का इस लॉक डाउन में भी बर्बरता से दमन कर रही है, लेकिन नीतीश कुमार और सुशील मोदी झूठ की खेती में लगे हुए हैं। भाजपा को बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी।