बॉलीवुुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने प्राचीन समय में मौजूद जाति प्रथा को लेकर अपने नए ब्लॉग में बात की है। साथ ही बिग बीम ने इसमें अपनी सरनेम पर जुड़ी कहानी के बारे में भी बताया है।
उन्होंने अपने लेटेस्ट ब्लॉग में लिखा है, बारत में जाति प्रथा सदियों से मौजूद हैं, जिसका कई लोगों ने अनुसरण किया और जिसे आज कई लोग धता बता रहे हैं। यह एक बीमारी है जिसने हमारे समाज को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। बिग बी के इस नए ब्लॉग को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं।
इसके अलावा उन्होंने अपने इस ब्लॉग में बताया है कि उनके पिता जाति प्रथा के बहुत बड़े विरोधी थे। अपने ब्लॉग में बिग बी ने लिखा, बाबूजी का जन्म कायस्थ परिवार में हुआ और श्रीवास्तव सरनेम था। लेकिन वह जाति प्रथा के खिलाफ थे। इसलिए उन्होंने अपना लेखकीय उपनाम या तखल्लुस बच्चन रख लिया।
बता दें कि जितने भी महान लेखकर और शायर होते हैं वह अपना उपनाम रखते हैं। इस तरह से बच्चन मेरे पिता का उपनाम बन गया…फिर मेरा जन्म हुआ और मुझे स्कूल में दाखिले कराने का समय आया। टीचर ने दाखिला फॉर्म में लिखने के लिए मेरा सरनेम पूछा तो मेरा सरनेम पूछा तो मेरे मम्मी-पापा ने तुरंत आपस में बात की और फैसला लिया कि बच्चन फैमिली का सरनेम होगा।
इस तरह से अमिताभ बच्चन के पिता ने परिवार का सरनेम बच्चन रखा। बिग बी ने आगे बात करते हुए लिखा, यह हमारे साथ कायम और आगे भी रहेगा.. मेरे पिता.. मुझे बच्चन सरनेम के ऊपर बहुत गर्व है। आज अमिताभ बच्चन ने अपने सरनेम की पूरी दास्तान अपने फैन्स के साथ साझा की। बता दें कि महान कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन अमिताभ बच्चन के पिता थे।