महशूह कॉमेडियन जगदीप 80 साल के हैं। इन्हें हाल ही में आइफा अवॉर्ड में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया है। जगदीप करीब 7 साल से सिनेमाजगत से दूर हैं। आइफा अवॉर्ड के दौरान कॉमेडियन जगदीप व्हील चेयर पर अपने दोनों बेटों जावदे और नावेद के साथ आए थे।
बॉलीवुड में बेहतरीन कॉमेडी करने के लिए जगदीप का नाम मशहूर है। इन्होंने करीब 61 साल तक की उम्र तक लोगों का मनोरंजन किया। तो आइए आज हम आपको दिखाते हैं जगदीप पहले से कितना ज्यादा बदल गए हैं। यहां तक की आप उन्हें कुछ तस्वीरों में पहचान तक नहीं पाएंगे।
जगदीप ने 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। एक्टर को सबसे ज्यादा फिल्म शोले में निभाए गए अल्टीमेट किरदार सूरमा भोपाली के लिए जाना जाता है। जगदीप ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने कैरियर की शुरूआत 1951 में बी आर चोपड़ा की फिल्म अफसाना से की थी।
इस फिल्म में जगदीप ने बतौर बाल कलाकार काम किया था। इसके बाद वो कई फिल्मों में भी नजर आए। जैसे ‘अब दिल्ली दूर नहीं’, ‘मुन्ना’, ‘आर पार’, ‘दो बीगा जमीन’ और ‘हम पंछी एक डाल के’ हैं।
इस बीच खास बात यह हुइ कि इन फिल्मों के माध्यम जगदीप की लोकप्रियता इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि उन्हें मुख्य अभिनेता के तौर पर फिल्मों में काम करने को मिल गया। इन फिल्मों में भाभी और बरखा शामिल है। इसके बाद इनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया जब एक्टर ने फिल्म ब्रह्मचारी से बतौर कॉमेडियन खुद को स्थापित कर लिया।
जगदीप ‘फिर वही बात’, ‘पुराना मंदिर’, ‘खूनी पंजा’, ‘काली घटा’, ‘सुरक्षा’, ‘स्वर्ग नरक’, ‘कुर्बानी’, ‘शहंशाह’ जैसी कई फिल्मों में भी काम किया। एक्टर जगदीप ने बतौर कॉमेडियन सिनेमाजगत में कुछ ऐसे शानदार भी अदा किए जो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।
इनमें एक फिल्म शोले है जबकि दूसरी फिल्म ‘अंदाज अपना-अपना है’ जगदीप ने इस फिल्म में सलमान खान के पिता का रोल प्ले किया था। यह फिल्म साल 1994 में आई थी जिसमें जगदीप ने बांकेलाल भोपाली का किरदार निभाया था।
एक्टर जगदीप ने इस फिल्म के बाद कम फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। आखिरी बार साल 2012 में जगदीप फिल्म गली गली चोर है में दिखाई दिए थे। अब उन्हें आइफा अवॉर्ड 2019 में सम्मानित किया गया था। वैसे इन सारी फोटोज में समय के साथ जगदीप के लुक में बदलाव देखने को मिला है जो साफ-साफ देखा जा सकता है।